कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए राष्ट्रपति पद तक पहुंचीं द्रौपदी मुर्मू- कृष्णमोहन झा

भोपाल, कृष्णमोहन झा। 1997 में उडीसा की रायरंगपुर (Rairangpur of Odisha) ज़िले में नगर पालिका के पार्षद का चुनाव जीत कर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाली द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) अब भारत की 15वीं राष्ट्रपति (15th President of India) निर्वाचित हो चुकी हैं। स्वतंत्र भारत के इतिहास में उनके पूर्व अब तक जो 14 राष्ट्रपति हुए हैं उन सभी से वे आयु में छोटी हैं। वे देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म देश के अत्यंत पिछड़े राज्य उड़ीसा में हुआ था। उन्होंने श्रीमती प्रतिभा पाटिल (Pratibha Patil) के बाद देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनने और आदिवासी समुदाय से चुनी जाने वाली प्रथम महिला राष्ट्रपति होने का गौरव भी हासिल किया है।

20 जून 1958 को उडीसा के एक किसान परिवार में जब उनका जन्म हुआ तब कौन जानता था कि साधारण किसान परिवार की यह बेटी एक दिन देश की प्रथम नागरिक बनने का गौरव अर्जित कर इतिहास रच देगी लेकिन अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर उन्होंने अपने मार्ग की सारी बाधाओं को पराजित करते हुए विषम परिस्थितियों में भी एक के बाद एक सफलता के अनेक महत्वपूर्ण सोपान तय किए।


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Kashish Trivedi

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