भोपाल| मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले सरकार का रिपोर्ट कांड पेश किया है| सीएम का कहना है कि उनकी सरकार ने 76 दिनों में 83 वचनों को पूरा किया है| सरकार की प्राथमिकता किसान कर्जमाफी रही है| सरकार ने अपने रिपोर्ट कार्ड में इसे सबसे ऊपर रखा है। मुख्यमंत्री ने सरकार के अब तक के कामकाज और तमाम फैसलों की तारीफ करते हुए पिछली सरकार पर निशाना साधा और कहा उम्मीद करते हैं भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में रही अपने 15 साल की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी 5 साल की केंद्र सरकार का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखेंगे। कमलनाथ सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमला बोला है| शिवराज ने कहा है कि जो पार्टी 70 साल में कुछ नहीं कर पाई, उसने 76 दिनों अपने 83 काम करने का ढिंढोरा पीट दिया|
पूर्व सीएम शिवराज ट्वीट कर सरकार के रपोर्ट कार्ड पर सवाल उठाये हैं| उन्होंने लिखा है “जो पार्टी 70 साल में कुछ नहीं कर पाई, उसने 76 दिनों अपने 83 काम करने का ढिंढोरा पीट दिया। मैं आपको बताता हूं कि कांग्रेस ने समृद्ध मध्यप्रदेश को कैसे अराजकता, अशांति, अपहरण और हिंसा का गढ़ बना दिया-इन बीते 76 दिनों में 15 वर्षों बाद प्रदेश में फिर एक बार डकैतोंं की वापसी हुई है..|” “बीते 76 दिनों में सरकार ने धान के परिवहन की व्यवस्था तक नहीं की और किसान रात-रात भर मंडी के बाहर सोने को मजबूर हुएl धान की खरीदी के समय ही पोर्टल बंद रहेl इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या होगा कि खरी”|
ढाई मुख्यमंत्री राज्य को चला रहे
मध्यप्रदेश ने बीते 76 दिनों में देखा कि प्रदेश के मंत्री गणतन्त्र दिवस के भाषण नहीं पढ़ पा रहे हैंl श्रमिकों के हित में बनी संबल योजना और राज्य बीमारी सहायता योजना बंद कर दी गई| इन बीते 76 दिनों में प्रदेश में एक नहीं, दो नहीं, बल्कि ढाई मुख्यमंत्री राज्य को चला रहे हैं। जनता को एक और भी नया अनुभव हुआ है कि राज्य में मुख्यमंत्री के ऊपर भी एक सुपर सीएम हैंl कृषि मंत्री मुख्यमंत्री से बिना पूछे योजनाओं को बंद करने लगे हैंl
लालटेन युग की वापसी हुई
शिवराज ने कानून व्यवस्था पर हमला बोलते हुए लिखा है “बीते 76 दिनों में प्रदेश में भय, आतंक, अराजकता का माहौल बन गया हैl इंदौर और चित्रकूट में अपहरण हुआl मासूम प्रियांश और श्रेयांश की दुखद हत्या हो गई और सरकार ट्रांस्फर के धंधे में लगी रहीl बघेलखंड, निमाड़, महाकौशल में खुलेआम गोलियां चलने लगी, लेकिन सरकार को परवाह ही नहीं”| “इन बीते 76 दिनों में एक बार फिर बिजली की कटौती शुरू हो गई है, लालटेन युग की वापसी हुई हैl सरकार थोक बंद तबादले में लगी रही, प्रशासन और ला एंड ऑर्डर की व्यवस्था चरमरा गई, 76 दिन में 7600 से ज्यादा तबादले हुए”|
किसान त्राहि-त्राहि कर रहे
शिवराज नेक अहा राजगढ़, सीहोर, मंदसौर सहित अनेक शहरों में ओला वृष्टि से किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, लेकिन सरकार भोपाल में बैठ के मुआयना कर महज मुआवजा राशि देने की बात कर रही हैl मंडियों में किसान भाई धान लेकर खड़े रहे लेकिन उनकी सुध लेने वाला एक भी अधिकारी नहीं मिला| इन बीते 76 दिनों में कर्जा माफी के नाम पर हरा, लाल, पीला फार्म भरवाकर किसानों को सिर्फ टहलाने का काम हुआ हैl प्रदेश में समय काटू सरकार हैl ओला–पाला से नुकसान हुई फसल का जायजा लेने मुख्यमंत्री तो दूर पटवारी, अधिकारी, मंत्री भी नहीं पहुंच रहे| बीते 76 दिनों में ये देखने में आया कि 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ करने वाली धोखेबाज सरकार प्रदेश में है, एक किसान का कर्जा माफ नहीं हुआ और राहुल बाबा के वादे के अनुसार तो अब तक 7 सीएम बदल जाने चाहिए थेl दिग्विजय सिंह, सिंधिया से लेकर जीतू पटवारी तक को सीएम बन जाना चाहिए था।