अब गौर और गुप्ता ने की मुलाकात, बोले- स्थानीय प्रत्याशी को मिले टिकट, नही तो हारेगी पार्टी

Published on -

भोपाल।

मध्यप्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल भोपाल लोकसभा सीट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म बना हुआ है।जहां कांग्रेस इस सीट पर अभी तक नाम तय नही कर पाई है वही भाजपा में भी आसमंजस की स्थिति बनी हुई है।हालांकि दोनों ही दलों में दावेदारों की लंबी लाइन लगी हुई है।अगर भाजपा की बात करे तो पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर से लेकर पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता तक इस सीट से ताक ठोक रहे है।वही मांग कर रहे है कि स्थानीय प्रत्याशियों को ही यहां से उम्मीदवार बनाया जाए।इस दौरान दोनों की मुलाकात भी मीडिया में सुर्खियां बनी हुई है। चुंकी अबतक मुलाकाते सिर्फ कांग्रेस नेताओं से ही रही, लेकिन अब बीजेपी नेता भी गौर से मिलने पहुंचने लगे है।

दरअसल, मंगलवार को  पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर से उनके बंगले पर जाकर मुलाकात की ।दोनों के बीच चुनाव को लेकर काफी देर तक चर्चा होती रही।  इसके बाद मीडिया से चर्चा के दौरान गौर ने कहा कि लोकसभा में बाहरी नहीं, स्थान���य व्यक्ति को मौका दिया जाना चाहिए। यदि बाहरी को टिकट दिया तो पार्टी चुनाव हार जाएगी। गौर दस बार विधायक रह चुके है और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रुप मे भी अपनी सेवाएं दे चुके है। अब लोकसभा चुनाव में भोपाल से टिकट की मांग किए हुए है। गौर का कहना है कि उम्र से क्या फर्क पड़ता है दिल जवान होना चाहिए, विधायक बनकर रहा हूं,अब दिल्ली जाने की इच्छा है। मैंने पार्टी से टिकट मांगा है, फैसला पार्टी को करना है।गौर ने कहा पीएम मोदी ने कहा था-गौर एक बार और, भरोसा है कि पार्टी मौका देगी ।

वही गुप्ता ने गौर के बयान पर सहमति जताई और कहा कि भोपाल में ही इतने लोग हैं, जो चुनाव लड़ सकते हैं। गौर जी ने सभी को आगे बढ़ने का मौका दिया। मुझे भी पहली बार मंत्री उन्होंने ही बनाया था। साथ ही अपने चुनाव लड़ने पर गुप्ता ने कहा कि पार्टी मौका देगी तो मैं भी लोकसभा चुनाव लड़ सकता हूं। गुप्ता भोपाल दक्षिण से तीन बार विधायक रहने के साथ दस साल से ज्यादा वक्त तक मंत्री रहे हैं। इससे पहले वे भोपाल के महापौर भी रह चुके हैं।इस बार वे भोपाल से दावेदारी ठोक रहे है।

दोनों नेताओं के बयान के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है।चुंकी टिकट ना मिलने से विधानसभा चुनाव के दौरान भी गौर ने बगावत कर दी थी,ऐसे में डर है कही गौर लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए बगावती सुर ना छेड़ दे। वही भोपाल में स्थानीय प्रत्याशी के तौर पर गुप्ता के अलावा महापौर आलोक शर्मा व भाजपा के प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा भी दावेदारी कर रहे हैं। फिलहाल भोपाल से भाजपा सांसद आलोक संजर हैं। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से संकेत हैं कि भोपाल की सुरक्षित सीट से किसी बड़े नेता को लड़ाया जा सकता है। हालांकि अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। 

भोपाल का संसदीय इतिहास –

30 साल में हुए 6 लोकसभा चुनाव में बीजेपी का कब्ज़ा

1989 में सुशीलचंद्र वर्मा जीते

1998 तक सुशीलचंद्र वर्मा ने जीत का परचम लहराया

1999 में उमा भारती जीतीं

2004 और 2009 के चुनाव में कैलाश जोशी सांसद बने.

2014 में आलोक संजर की जीत


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News