MP News : कोविड प्रोत्साहन राशि के लिए भटक रहे आयुष डॉक्टर, मिल रहा केवल आश्वासन

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना काल (corona period) में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े शासकीय कर्मचारियों अधिकारियों ने दिन रात एक कर काम किया। उन्होंने ना अपने घर परिवार को देखा, ना स्वास्थ्य की चिंता की।  आयुष डॉक्टर (ayush doctor) भी ऐसे ही शासकीय सेवकों में शामिल थे जो कोरोना वारियर बनकर काम करते रहे लेकिन आज ये परेशान हैं , क्योंकि सरकार ने जो वादा किया था वो भूल चुकी है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के वित्त पोषित संविदा आयुष डॉक्टर (आयुष चिकित्सा अधिकारी) पिछले छह महीने से सरकार को उसका वादा याद दिला रहे हैं लेकिन NHM में बैठे अधिकारी ना सुन रहे हैं ना वादा पूरा कर रहे हैं। आयुष चिकित्सा अधिकारी कई बार ज्ञापन, स्मरण पत्र विभागीय अधिकारियों, विभागीय मंत्री को दे चुके है लेकिन नतीजा अभी तक शून्य है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....