भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने अधिकारियों के साथ बैठकर कई फैसले लिए है । संस्कृत के छात्रों सहित संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षकों को लेकर भी कई निर्णय लिए गए हैं जिसकी चर्चा आज उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संस्कृत (Scholarship to Sanskrit Students) पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रोत्साहन स्वरूप छात्रवृत्ति (scholarship to students) की व्यवस्था की जा रही है। यह सुनिश्चित किया जाए कि विद्यार्थियों को जुलाई माह से छात्रवृत्ति मिलना आरंभ हो जाए। छात्रवृत्ति का संचालन पोर्टल से होगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती और ईद का त्यौहार प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से सौहार्दपूर्ण वातावरण में पूर्ण उत्साह और उल्लास के साथ संपन्न होने पर सभी को बधाई और शुभकामनाएँ दी। मुख्यमंत्री ने अक्षय तृतीया के पावन पर्व और परशुराम जयंती पर संस्कृत भाषा का अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों और पुजारियों के कल्याण के संबंध में लिए गए निर्णय की जानकारी दी।
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सीएम शिवराज ने कहा कि संस्कृत शिक्षकों के सभी पद भरे जाएंगे। अब तक 1900 पद भर लिए गए हैं, शेष पर भर्ती जारी है। जब तक शिक्षकों की भर्ती नहीं होती तब तक अतिथि शिक्षक की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत शिक्षकों के पदों पर भर्ती से, युवा संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षित होंगे और संस्कृत शिक्षण को कॅरियर के रूप में अपनाने के लिए भी प्रेरित होंगे।
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मुख्यमंत्री ने परशुराम चरित्र और गीता सार को शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए पाठ्यक्रम समिति की बैठक करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों को शासन की संबल सहित सभी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। सीएम ने मंदिर के पुजारियों को उपलब्ध कराए जाने वाले मानदेय के संबंध में भी जानकारी दी।