MP News : विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए 8 जनवरी तक आवेदन, फरवरी में परीक्षा, ये रहेंगे नियम-पात्र, इन छात्रों के लिए सीटें आरक्षित, जानें डिटेल्स

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MP SCHOOL NEWS : मध्य प्रदेश के स्कूली छात्रों के लिए काम की खबर है। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए 8 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।इसमें कक्षा 6वीं की 8447 सीटों के लिए 11 फरवरी को परीक्षा आयोजित की जाएगी।

8 जनवरी तक करें आवेदन, फरवरी में परीक्षा 

  • एमपी जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित प्रदेश के विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं की 8447 सीटों की प्रवेश परीक्षा के लिए 8 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे।
  • यह परीक्षा  11 फरवरी 2024 को सुबह 10 बजे होगी, जिसके प्रवेश पत्र 29 जनवरी से डाउनलोड किए जा सकेंगे।
  • इसके लिए छात्र विभागीय वेबसाइट  https://www.tribal.mp.gov.in/MPTAAS पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
  • विभाग द्वारा इन विशिष्ट आवासीय विद्यालयों का संचालन प्रदेश के जनजातीय बाहुल्य जिलों व विकासखंडों में विशेष रूप से किया जाता है। विभाग की मध्यप्रदेश स्पेशल एण्ड रेसीडेंशियल एकेडमिक सोसायटी (एमपीसरस) के अधीन ये संस्थान संचालित किये जाते है।

मेरिट सूची के आधार पर मिलेगी सीट

बता दे कि भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन प्रदेश में संचालित 63 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में 6वीं कक्षा में 1795 बालकों एवं 1820 बालिकाओं सहित कुल 3615 सीटें हैं। वहीं, प्रदेश के 81 कन्या शिक्षा परिसरों में कुल 4552 बालिकाओं और 8 आदर्श आवासीय विद्यालयों में कुल 280 सीटें उपलब्ध हैं। मेरिट सूची में चयनित होने एवं न्यूनतम योग्यता पाने वाले विद्यार्थी अपने विकल्प के अनुसार विद्यालयों में रिक्त सीट के विरुद्ध प्रवेश के लिये पात्र होंगे।

PVTG व कोविड में माता-पिता को खो चुके विद्यार्थियों के लिए आरक्षण

  • इन विद्यालयों में प्रवेश के लिए विशिष्ट पिछड़ी जनजाति (बैगा, भारिया और सहरिया), विमुक्त जनजातियां और घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ समुदाय के विद्यार्थियों के लिये सीटें आरक्षित की गईं हैं।
  • वे बच्चे, जिन्होंने अपने माता-पिता को वामपंथी उग्रवाद/उग्रवाद या कोविड आदि के कारण खो दिया है, उनके लिए भी सीटें आरक्षित रखी गई हैं।
  • विधवा महिला की संतान, दिव्यांग माता-पिता की संतान, अनाथ या भूमिदाता वर्ग (जिन्होंने विद्यालय भवन के निर्माण के लिए भूमि दान की हो) के विद्यार्थियों के लिए भी सीटें आरक्षित की गईं हैं।

 

 


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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