वोटर्स कृपया ध्यान दें, इन 12 फोटोयुक्त दस्तावेजों में किसी को भी दिखाकर कर सकते हैं MP Election 2023 में मतदान

Atul Saxena
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MP Election 2023 : मप्र में 17 नवंबर को मतदान होगा, निर्वाचन आयोग तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है, मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन प्रदेश के जिला निर्वाचन अधिकारियों से संपर्क में हैं और उन्हें जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं, उधर निर्वाचन आयोग ने आज मतदाताओं के लिए एक महत्वपूर्व जानकारी जारी की है।

12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान दस्तावेजों में से कोई भी दिखाकर कर सकेंगे मतदान 

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सभी निर्वाचन क्षेत्रों में सभी मतदाताओं को, जिन्हें फोटो पहचान पत्र जारी किया गया है, उन्हें मतदान से पहले मतदान केंद्र पर अपनी पहचान के लिए फोटो पहचान पत्र (ईपिक) प्रस्तुत करना होगा। वे मतदाता, जो फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान दस्तावेजों में से कोई एक दिखाना होगा।

 ये हैं वो विकल्प जिनकी मदद से वोटर्स डाल सकेंगे वोट 

मतदान ईपिक नहीं होने पर इन 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान दस्तावेजों में आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटो सहित पेंशन दस्तावेज, केंद्र/राज्य सरकार/पीएसयू/सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों/विधायकों/एमएलसी को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र और भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी में से कोई एक दस्तावेज दिखाकर मतदान कर सकेंगे।

NRI मूल पासपोर्ट दिखाकर कर पाएंगे मतदान 

अप्रवासी भारतीय मतदाताओं (एनआरआई) को केवल पहचान के लिए अपना मूल पासपोर्ट दिखाना होगा। ईपिक में किसी मतदाता के फोटोग्राफ आदि का मिलान न हो पाने से मतदाता की पहचान करना संभव नहीं है, तो उस मतदाता को उपरोक्त 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज दिखाना होगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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