ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर नगर निगम द्वारा सम्पत्ति कर के साथ वसूले जा रहे “गारबेज शुल्क” (Garbage Charges) का मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स (MPCCI Gwalior) लगातार विरोध कर रहा है। “गारबेज शुल्क” की घोषणा के बाद से ही चेंबर ऑफ कॉमर्स इसे अनुचित बता रहा है और लागू नहीं करने की मांग कर रहा है। चेंबर की मांग पर ही पिछले वर्ष ऊर्जा मंत्री और संभागीय आयुक्त के साथ बैठक में तय हुआ था कि नगर निगम इसके लिए एक समिति बनाएगी और समिति की रिपोर्ट के बाद ही इस पर निर्णय होगा लेकिन नगर निगम ने इस निर्णय कर “गारबेज शुल्क” की वसूली शुरू कर दी। अब चेंबर ऑफ कॉमर्स ने इसके खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है।
मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स ग्वालियर (MPCCI Gwalior) के पदाधिकारियों और सदस्यों ने आज मंगलवार को संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना को एक ज्ञापन सौंपकर नगर निगम द्वारा संपत्तिकर के साथ वसूले जा रहे “गारबेज शुल्क” पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है साथ ही 6 प्रतिशत छूट के साथ लिए जा रहे संपत्तिकर की अवधि दो महीने बढ़ाने की मांग की है।
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मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स ग्वालियर (MPCCI Gwalior) द्बारा “गारबेज शुल्क” के खिलाफ दिये गये ज्ञापन में मांग की गई है कि नगर-निगम, ग्वालियर द्वारा वर्ष 2021-22 के संपत्तिकर के साथ शहरवासियों से “गारबेज शुल्क” वसूल किया जा रहा है, जबकि 19 सितम्बर 2020 को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) की मौजूदगी में तत्कालीन संभागीय आयुक्त बीएम ओझा के साथ आयोजित बैठक में यह तय हुआ था कि “गारबेज शुल्क” के अस्तित्व को तय करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा और समिति जब तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करती है, तब तक “गारबेज शुल्क” को स्थगित रखा जाएगा । उस समिति में मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स ग्वालियर (MPCCI Gwalior) सहित सभी वर्ग के प्रतिनिधियों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा । बावजूद इसके आज दिनांक तक नगर-निगम प्रशासन द्वारा समिति का गठन नहीं किया गया है । मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स ग्वालियर (MPCCI Gwalior) पदाधिकारियों ने कहा कि बैठक में यह भी तय हुआ था कि समिति द्वारा इस पर जो रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, उसके पश्चात् ही गारबेज शुल्क के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
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मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स ग्वालियर (MPCCI Gwalior) के पदाधिकारियों ने कहा कि “गारबेज शुल्क” की वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए और ऊर्जा मंत्री की बैठक में लिए गए निर्णयानुसार तत्काल समिति का गठन किया जाए और समिति द्वारा जो भी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, उसके पश्चात् ही “गारबेज शुल्क” के संबंध में निर्णय लिया जाए। इसके साथ ही मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स ग्वालियर (MPCCI Gwalior) के पदाधिकरियों ने मांग की कि संपत्ति कर 6 प्रतिशत छूट के साथ जमा करने की तिथि को दो माह और बढाया जाए ताकि शहरवासी अपना संपत्तिकर जमा करा सकें एवं गारबेज शुल्क जमा करने के लिए शहरवासियों को बाध्य नहीं किया जाए। मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स ग्वालियर (MPCCI Gwalior) के पदाधिकरियों ने चेतावनी दी कि उपरोक्त मांगों पर 29 अगस्त तक निर्णय लिया जाए अन्यथा हमें आंदोलन करना पड़ेगा, जिसकी समस्त जबावदारी जिला प्रशासन की होगी।
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मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स ग्वालियर (MPCCI Gwalior) के ज्ञापन पर संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना ने कहा कि ज्ञापन में जो मांगें की गई हैं, उस पर शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जायेगा और शीघ्र ही इसके निराकरण का प्रयास किया जायेगा।ज्ञापन सौंपने वालों में मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स ग्वालियर (MPCCI Gwalior) के अध्यक्ष विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष प्रशांत गंगवाल, मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष वसंत अग्रवाल सहित पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव डॉ. प्रकाश अग्रवाल, कार्यकारिणी समिति सदस्य रामनिवास अग्रवाल, संजय कपूर, विश्वास जैस्वानी, विनोद बिजपुरिया, दीपक जेस्वानी, अंकुर अग्रवाल, मुकुन्द माहेश्वरी, मनोज सरावगी, किशोर कुकरेजा, संजय धवन, संदीप वैश्य, सदस्य-महेन्द्र कुमार साहू, दीपक जैन, अजय जेस्वानी, अरुण गुप्ता, अनिल गुप्ता, ओमप्रकाश जाजोरिया, धनेश जैन, रामनिवास माहेश्वरी, आशीष अग्रवाल आदि शामिल थे।