छतरपुर, संजय अवस्थी। भक्ति का मार्ग अति सरल मार्ग है। इस मार्ग में भक्त बड़ी सरलता से अपनी सेवा और दया के माध्यम से भगवत प्राप्ति कर सकता है। जैसे अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण के समक्ष समर्पित होकर सब कुछ पा लिया था। भक्ति सिर्फ यह नही कि एक लोटा जल से भगवान का अभिषेक कर दिया जाये, भक्ति तो जीव मात्र की सेवा से प्रेम का भाव है। किसी भूखे को भोजन और प्यासे को पानी देना श्री नारायण को भोग लगाने के समान है। उक्त आशीर्वचन श्री किशोरदास जी महाराज ने विजयदशमी (Vijayadashmi) एवं छतरपुर विधायक (Chhatarpur MLA) आलोक चतुर्वेदी पज्जन भैया के जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित चाचा की रसोई (Chacha ki Rasoi) के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि आलोक चतुर्वेदी पर ठाकुर जी की कृपा और सन्तों का आशीर्वाद है कि वे आज यह उत्तम कोटि की सेवा कर पा रहे हैं। उन्होंने आशीर्वाद दिया कि आज आलोक चतुर्वेदी छतरपुर की सेवा कर रहे हैं। भगवान उन्हें इस योग्य बनाये की वे जगत सेवा के माध्यम बनें। इस अवसर पर प्रख्यात श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी ने अपने उदबोधन में एक कथा का उल्लेख करते हुये मानव और दानव का अंतर समझाया। उन्होंने कहा कि दानव वह है जो सिर्फ अपने स्वार्थ के विषय में सोचता है मानव वही है जो सबके विषय में सोचता है।
यह भी पढ़ें…Bhind News : बिजली घर के पास संदिग्ध अवस्था में मिला युवक का शव, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
महाराज ने आगे कहा कि संत की कृपा से व्यक्ति का चित्त और जीवन दोनों पवित्र हो जाते हैं, इसका सबसे बड़ा उदाहरण खेलग्राम परिवार है। उन्होंने कहा कि पूज्य दद्दा जी की प्रेरणा से आलोक चतुर्वेदी का खेलग्राम पहले शिवलिंग निर्माण और कथा के आयोजन से ब्रजधाम बना और अब इस रसोई के प्रारंभ होने से यह सेवाग्राम बन गया है। उन्होंने कहा कि यह रसोई सिर्फ एक रुपये मात्र में ही भूखे को भोजन कराते हुए नर सेवा नारायण सेवा के संकल्प को पूर्ण करेगी। निजी खर्च से सर्वसुविधायुक्त रसोई बनाकर गरीबों को भोजन कराने का यह अनूठा संकल्प इस नगर की प्रतिष्ठा बढ़ाएगा।
यह प्रदेश की अनूठी रसोई है जो अनवरत गरीबों और असहायों की सेवा करेगी ऐसी हमें आशा और पूर्ण विश्वास है। उन्होंने कहा कि भोजन शरीर को पुष्ट करता है भजन आत्मा को पुष्ट करती है यहां भजन करें और भोजन करें ताकि दोनों पुष्ट हो सकें। कार्यक्रम में महाराजपुर विधायक नीरज दीक्षित ने अपने विचार रखते हुए कहा कि संतों के मार्गदर्शन से व्यक्ति का जीवन सद्मार्ग पर चलता है। संतों की अनुपम कृपा है कि आज विधायक आलोक चतुर्वेदी छतरपुर को यह सौगात दे रहे हैं। कार्यक्रम में उद्बोधन के पूर्व सन्तों ने द्वार पूजन और रिविन काटकर पहले रसोई का शुभारंभ किया तदोपरांत रसोई में ही माँ अन्नपूर्णा की प्राण प्रतिष्ठा की गई। संतों ने पौधरोपण किया और इसके बाद कन्याभोज के साथ भंडारा प्रारंभ हुआ। तदोपरान्त जिले भर से आये साधु, संतों का भंडारा हुआ और फिर जनमानस ने प्रसाद ग्रहण किया। संतों का स्वागत खेलग्राम परिवार ने किया आभार प्रदर्शन निखिल चतुर्वेदी और सियाराम रावत ने किया जबकि संचालन प्रभात अग्रवाल के द्वारा किया गया। इस अवसर पर नगर के हजारों लोगों और गणमान्य नागरिकों ने यहां पहुचकर विधायक आलोक चतुर्वेदी को जन्मदिन की बधाई दी।
मैं चुनावी नफा नुकसान के लिए सेवा नहीं करता-पज्जन चतुर्वेदी
रसोई के शुभारंभ अवसर पर कार्यक्रम के आयोजन विधायक आलोक चतुर्वेदी पज्जन भैया ने कहा कि पूज्य गुरुदेव दद्दा जी कहते थे, कि भूखे पेट को भोजन और सूखे कंठ को पानी देना नारायण को पूजने के समान है। दद्दा का यही वचन मैं अनेक बार परमपूज्य बागेश्वर महाराज जी से चर्चा में उपयोग करता था। महाराजश्री ने ही दद्दा के इस वचन को मेरे संकल्प में बदल दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह धाम पर अन्नपूर्णा माई की कृपा बरस रही है वही कृपा छतरपुर में क्यों नही बरस सकती। सच कहूं तो इस रसोई के निर्माण में मैंने कुछ नही किया। यह ईश्वर की प्रेरणा और संतो का आर्शीवाद है जो आज साकार हो गया है। उन्होंने कहा कि जब ईश्वर कृपा और सन्त आदेश मिलने के बाद खेलग्राम परिवार और बच्चों ने रसोई के निर्माण पर विचार किया तो हम सबने तय किया कि रसोई ऐसी बने की यह पूरे शहर के लिए गौरव और गर्व का विषय हो। लोग कहें कि छतरपुर एक ऐसा शहर है जो अपने यहां आने वालों को, गरीबों, बेसहारा, असहाय लोगों को भूखा नही रखता। एक जगह ऐसी है जहां शगुन का एक रुपया देकर भरपेट भोजन की तृप्ति मिलती है। एक रुपये इसीलिए लिया जा रहा है ताकि किसी के स्वाभिमान को चोट न पहुंच कि वह मुफ्त में खाना खा रहा है।
विधायक ने आगे कहा कि हम जब इस सेवा को शुरू करने का विचार कर रहे थे तब हमने इसकी जरूरत को पहचाना, हमने पाया की शहर के मंदिरों के बाहर ऐसे लोगों की बहुत बड़ी संख्या है जो एक वक्त के भोजन के लिए भी सहायता करने वालों का इंतजार करते रहते हैं। मजदूर, रिक्शा चालक, गरीब तबका जो दिन भर में 100 से 200 रुपये कमाता है वह 100 रुपये का भोजन करने के पहले कई बार सोचता है। इसी तरह अस्पताल, तहसील, अदालत में आने वाले जिले भर के लोग हों या बस स्टैंड पर आने वाले गरीब मुसाफिर हों उनकी बहुत बड़ी संख्या है जो खाने के लिए परेशान रहते हैं। ऐसे लगभग 500 से 1000 लोग हैं जो रोज सस्ते भोजन की आवश्यकता से गुजरते हैं। ऐसे लोगों के लिए यह रसोई वरदान बनेगी, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है।
चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो शायद यह सोचते हों कि पज्जन भैया राजनेता है, चुनावी नफा नुकसान के लिए यह रसोई शुरू कर रहे होंगे। मैं ऐसे सभी शुभचिंतकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह चुनावी रसोई नही है। माता अन्नपूर्णा की यह कृपा सतत जारी रहेगी। जब से इन संतो की कृपा मुझे मिली है राजनीतिक नफा नुकसान के चश्मे से मैंने देखना ही छोड़ दिया है। यह मेरा स्वभाव नही है। आपको याद होगा जब मैं विधायक नही था तब शहर बून्द बून्द पानी के लिये परेशान था। ईश्वर की प्रेरणा से हमने घर घर पानी पहुंचाने की व्यवस्था की। यह सुविधा 10 वर्षो से जारी है। कोरोना काल में लोगों के सामने ऑक्सीजन का संकट निर्मित हुआ। हमने एक प्रयास किया। एमपी का पहला ऑक्सीजन कन्संट्रेटर बैंक खोलकर सांसों को थामने का प्रयास किया। आप सभी के सहयोग से हम अनेक लोगों के प्राण बचाने में निम्मित बन सके। यह कोई चुनावी प्रयास नही थे। यह ईश्वर की प्रेरणा थी जो मुझे निमित्त बनाती गई और आगे भी बनाएगी ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है।