ग्वालियर में अब इंसिडेंट कमांडर्स लगा सकेंगे कोरोना कर्फ्यू, आदेश जारी

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  ग्वालियर (Gwalior) में बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मरीजों (Corona Positive Patients)  को देखते हुए कलेक्टर ने इंसिडेंट कमांडर्स (Incident Commanders)  को उनके क्षेत्र में कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) लगाने के अधिकार दे दिए हैं। कलेक्टर ने आदेश जारी किये है कि इंसिडेंट कमांडर्स (Incident Commanders)  अपने क्षेत्र के हालात के मुताबिक क्षेत्र विशेष में कोरोना कर्फ्यू लगा सकते हैं।

ग्वालियर जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रफ़्तार तेजी से बढ़ती जा रही है। 9 अप्रैल शुक्रवार को जारी मेडिकल बुलेटिन में आंकड़ा 323 पहुँच गया। इस आंकड़े को मिलाकर जिले में कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 19,330 हो गई है। अभी 782 एक्टिव केस बचे हैं  जबकि मरने वालों का आंकड़ा 243 हो गया है. जिला प्रशासन किसी भी स्थिति में नियंत्रण करना चाहता है इसलिए सख्त कदम उठाये जा रहे हैं।

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कालकेकटर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने आदेश दिया है कि अब इंसिडेंट कमांडर (Incident Commanders)  अपने अपने क्षेत्र में जरूरत और हालात के हिसाब से कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) लगा सकते हैं। उन्हें अधिकृत किया जाता है कि अपने अपने क्षेत्र के चौराहों , मोहल्लों, बाजारों  का निरिक्षण कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाएं मास्क लगना सुनिश्चित करवाएं और नियमों का पालन नहीं होने की दशा में भीड़ वाली जगह पर कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew)  लगाएं और नियमों का पालन कराएं।

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ग्वालियर में अब इंसिडेंट कमांडर्स लगा सकेंगे कोरोना कर्फ्यू, आदेश जारी

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह  ने कहा कि  संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना, आईजी अविनाश शर्मा,उनके और एसपी अमित सांघी द्वारा पिछले दिनों किये गए निरीक्षण  में ये बात सामने आई कि  कुछ बाजारों में बहुत अधिक भीड़ है , सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा, इस स्थिति में कोरोना के और तेजी फैलने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसलिए ये सख्ती जरुरी है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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