Dabra News : CMHO का आदेश हवा में, सिविल अस्पताल का बायो मेडिकल सड़कों पर

डबरा, डेस्क रिपोर्ट। ग्वालियर (Gwalior) जिले का डबरा (Dabra)  नगर वैसे तो गन्ने की मिठास और धान के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। लेकिन इन दिनों ये बदहाली के लिए चर्चा में है । चारों तरफ गंदगी के ढेर, उखड़ी सड़कें और धूल डबरा के हालात बयां कर रही है। इतना ही नहीं इन दिनों डबरा सिविल अस्पताल (Dabra Civil Hospital) के आसपास की तस्वीर तो और डरावनी है। यहाँ खुले में पड़ा बायो मेडिकल वेस्ट जिम्मेदारों की संजीदगी बता रही है।

ग्वालियर जिले की डबरा तहसील को यहाँ के जन प्रतिनिधि अलग जिला बनाने के लिए प्रयासरत हैं। शासन स्तर पर इसके लिए प्रस्ताव भी बनाये गए हैं लेकिन डबरा में काम करने वाले सरकारी मुलाजिमों यानि जिम्मेदारों की कार्यशैली से ऐसा नहीं लगता कि वे ऐसा होने देंगे। डबरा नगर पालिका के अफसर हमेशा अपनी जिम्मेदारियों से मुँह मोड़े रहते हैं जिसका नतीजा ये है कि डबरा की जनता धूल भरी उखड़ी हुई सड़कों पर चलने के लिए मजबूर है। जनता को ना तो पेयजल उपलब्ध है न साफ वातावरण । जगह जगह गंदगी और कचरे के ढेर संक्रामक बीमारियों को आमंत्रित कर रही हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....