Dabra News : CMHO का आदेश हवा में, सिविल अस्पताल का बायो मेडिकल सड़कों पर

Atul Saxena
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डबरा, डेस्क रिपोर्ट। ग्वालियर (Gwalior) जिले का डबरा (Dabra)  नगर वैसे तो गन्ने की मिठास और धान के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। लेकिन इन दिनों ये बदहाली के लिए चर्चा में है । चारों तरफ गंदगी के ढेर, उखड़ी सड़कें और धूल डबरा के हालात बयां कर रही है। इतना ही नहीं इन दिनों डबरा सिविल अस्पताल (Dabra Civil Hospital) के आसपास की तस्वीर तो और डरावनी है। यहाँ खुले में पड़ा बायो मेडिकल वेस्ट जिम्मेदारों की संजीदगी बता रही है।

ग्वालियर जिले की डबरा तहसील को यहाँ के जन प्रतिनिधि अलग जिला बनाने के लिए प्रयासरत हैं। शासन स्तर पर इसके लिए प्रस्ताव भी बनाये गए हैं लेकिन डबरा में काम करने वाले सरकारी मुलाजिमों यानि जिम्मेदारों की कार्यशैली से ऐसा नहीं लगता कि वे ऐसा होने देंगे। डबरा नगर पालिका के अफसर हमेशा अपनी जिम्मेदारियों से मुँह मोड़े रहते हैं जिसका नतीजा ये है कि डबरा की जनता धूल भरी उखड़ी हुई सड़कों पर चलने के लिए मजबूर है। जनता को ना तो पेयजल उपलब्ध है न साफ वातावरण । जगह जगह गंदगी और कचरे के ढेर संक्रामक बीमारियों को आमंत्रित कर रही हैं।

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सिविल अस्पताल का बायो मेडिकल वेस्ट सड़क पर

डबरा नगर को संक्रामक बीमारियों से बचाने की जिम्मेदारी रखने वाले तो सो ही रहे है बल्कि इसमें डबरा सिविल अस्पताल प्रबंधन भी कम नहीं है। अस्पताल से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट खुले में फेंककर वे संक्रामक बीमारियों को आमंत्रण दे रहे हैं । खुले में पड़ा मेडिकल वेस्ट इंसान के साथ साथ पशुओं के लिए भी घातक है। ऐसा नहीं है कि बीएमओ को ये दिखाई नहीं देता लेकिन लापरवाह अस्पताल प्रबंधन आंखों पर पट्टी बांधे बैठा है।

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अव्यवस्थाओं का अंबार है सिविल अस्पताल में

डबरा सिविल अस्पताल ग्वालियर जिले के ग्रामीण क्षेत्र का एक बड़ा अस्पताल है, यहाँ एक बड़ी आबादी इलाज के लिए आती है लेकिन हालात ये है कि उसे यहाँ इलाज के नाम पर कुछ दवाइयाँ और मल्लम पट्टी मुश्किल से नसीब हो पाती है। यहाँ पदस्थ ज्यादातर स्ताफ, चाहे वो ड्रेसर हो या डॉक्टर अपने राजनीतिक पहुँच की दम पर शहर के अस्पताल में पद स्थापना करा लेता है। नतीजा ये होता है कि मरीज को यहाँ ज्यादातर इलाज ही नहीं मिल पाता। यहाँ मौजूद स्टाफ उसे बिना इलाज के ही ग्वालियर रिफर कर देता है।

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CMHO का आदेश भी हवा में

ग्वालियर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीष शर्मा ने पिछले सप्ताह डबरा सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया था। उन्होंने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि उन्हें भी अस्पताल के वार्डों में गंदगी दिखाई दी थी, अन्य जगह भी गंदगी मिली थी। मैंने बीएमओ को अस्पताल के अंदर और अस्पताल के आसपास गंदगी नहीं रहने के निर्देश दिये थे। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने जब अस्पताल के बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंके जाने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं नोटिस देकर इसकी जानकारी लूंगा।

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बहरहाल खुले में पड़े डबरा सिविल अस्पताल के बायो मेडिकल वेस्ट ने ये तो बता दिया है कि डबरा बीएमओ ग्वालियर जिले के CMHO के निर्देशों का कितना पालन करते हैं साथ ही ये भी पता चलता है कि डबरा नगर पालिका के अधिकारियों को डबरा शहर और यहाँ के निवासियों की कितनी चिंता है। अब देखना ये है कि कब तक डबरा की बदहाली दूर होती है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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