Damoh News : जब कहीं भी कुछ विवाद होता है तो लोग पुलिस को मदद के लिए बुलाते हैं पर यदि पुलिस ही बबाल की वजह बन जाये तो लोग भला किसे बुलाये? जी हां सूबे के दमोह में कुछ ऐसा ही हुआ है जब पुलिस ने एक बड़े प्रायवेट स्कूल के मेन गेट के सामने रात में दीवाल खड़ी कर दी और सुबह बच्चो को स्कूल के अंदर तक जाने नही मिला और पेरेंट्स अपने बच्चों को घर लें गए। दरअसल मामला कुछ ऐसा है कि पुलिस स्कूल के सामने की सड़क और जमीन पर अपना कब्जा बता रही है जबकि स्कूल जाने का रास्ता भी सालों से है। शहर के वैशाली नगर के नजदीक ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित सेंट जान्स हायर सेकेंडरी स्कूल है, ये स्कूल सालों से यहां संचालित है और मुख्य मार्ग से एक रास्ता स्कूल को जाता है, स्कूल का बड़ा गेट भी यहीं बना है, लोग इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं और बच्चे यही से स्कूल के अंदर जाते रहे हैं। गुरुवार की रात अचानक पुलिस विभाग ने मजदूरों को बुलाया और मेन गेट के सामने बड़ी दीवाल खड़ी कर दी मतलब मेन गेट बंद कर दिया
यह है पूरा मामला
रात में हुई कार्यवाही की जानकारी स्कूल प्रबंधन को मिली तो स्कूल प्रिंसिपल और स्टाफ मौके पर पहुंचा लेकिन पुलिस नही मानी। शुक्रवार की सुबह स्कूल में बच्चो का आना शुरू हुआ तो सब हैरान रह गए क्योंकि स्कूल का गेट दीवाल में बदल गया था सेट जान्स स्कूल में शहर और आसपास के इलाकों के तकरीबन दो हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ते है और सुबह से स्कूल के बाहर बच्चो और उनके अभिभावकों की भीड़ जमा हो गई। स्कूल प्रिंसिपल के मुताबिक स्कूल के पीछे वाले हिस्से में बने दूसरे गेट के पास निर्माण कार्य चल रहा है लिहाजा वहां से बच्चो को स्कूल के अंदर ले जाना जोख़िम भरा है और वो रिस्क नही ले सकती। पहले रात और फिर सुबह लगातार मौके पर मौजूद पुलिस वालों से मिन्नतें करने के बाद भी पुलिस ने गेट के सामने की दीवाल नही हटाई और फिर बच्चो को वापस घर भेजना पड़ा।
इस मामले में स्कूल की प्रिंसिपल का कहना है कि जिस रास्ते को बन्द किया गया है वहां से सालों से बच्चे आते जाते हैं और यही मेन गेट है , रास्ता स्कूल के नक्शे में भी है लेकिन पुलिस मानने को तैयार नही है। दुसरी तरफ पुलिस का दावा है कि ये जमीन पुलिस विभाग की है जिस पर स्कूल प्रबंधन कब्जा किये हुए था अभी पुलिस क्वाटर्स बन रहे हैं और उन्होंने अपनी जमीन पर निर्माण कार्य किया है, बच्चो को दूसरे गेट से प्रबंधन ले जाये। जमीन किसकी रास्ता किसका इसकी दस्तावेजी जानकारी दोनों पक्ष दिखाने तैयार नही है और स्कूल अब पुलिस कार्यवाही के इस तरह की कार्यवाही के खिलाफ कोर्ट की शरण लेने की बात कह रहा है।
दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट