ग्वालियर संभाग के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पहुंचा केंद्रीय दल, नुकसान का किया आंकलन

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ग्वालियर, अतुल सक्सेना/ दतिया, सत्येन्द्र रावत। ग्वालियर-चंबल संभाग (Gwalior-Chambal Division) में पिछले दिनों हुई अति वर्षा और बाढ़ ने लोगों का जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है, सैकड़ों लोग आज भी राहत शिविरों में रह रहे है। लोगों का घर बार उजड़ गया है, खेती की जमीन बंजर हो गई है। केंद्र और राज्य सरकार प्रभावितों की मदद कर रही है। भारत सरकार केंद्रीय अध्ययन दल भेजकर भी जांच करा रही है। केंद्रीय अध्ययन दल ग्वालियर चंबल संभाग के जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण पर आया है। केन्द्रीय अध्ययन दल ने सोमवार को ग्वालियर (Gwalior) एवं दतिया जिले (Datia District) के बाढ़ प्रभावित ग्रामों का भ्रमण भी किया। केन्द्रीय दल के कुछ सदस्य मुरैना जिले (Morena District) के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिये भी पहुँचे।

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ग्वालियर जिले के चाँदपुर पहुंची टीम
भारत सरकार के गृह विभाग के ज्वॉइंट सेक्रेटरी सुनील कुमार वर्णवाल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल ने ग्वालियर जिले के चाँदपुर पहुँचकर जमीनी हकीकत देखी और बाढ़ प्रभावित परिवारों से चर्चा की। केन्द्रीय अध्ययन दल में अभय कुमार व डी के शर्मा भी शामिल थे। उन्होंने गाँव में अति वर्षा से हुए नुकसान का अवलोकन भी किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त के आयुक्त ज्ञानेश्वर पाटिल, संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, सीईओ जिला पंचायत किशोर कान्याल, अपर कलेक्टर आशीष तिवारी, एसडीएम डबरा प्रदीप कुमार सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

ग्वालियर संभाग के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पहुंचा केंद्रीय दल, नुकसान का किया आंकलन

केन्द्रीय अध्ययन दल ने डबरा नगरीय क्षेत्र के ग्राम चाँदपुर पहुँचकर अति वर्षा के कारण आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र और स्कूल भवन को हुई क्षति का अवलोकन किया। उन्होंने अति वर्षा के कारण खेती किसानी को हुए नुकसान का अवलोकन भी किया और किसानों से चर्चा भी की। अध्ययन दल ने वर्षा के कारण जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं उनसे भी मुलाकात कर विस्तार से चर्चा की। चाँदपुर गाँव में अति वर्षा के कारण कच्चे मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। इसके साथ ही खेती किसानी को भी नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि उनकी धान की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। ग्रामीणों ने बरसात के कारण गाँव के मकानों को हुए भारी नुकसान के संबंध में भी विस्तार से बताया।

ग्वालियर संभाग के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पहुंचा केंद्रीय दल, नुकसान का किया आंकलनग्वालियर संभाग के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पहुंचा केंद्रीय दल, नुकसान का किया आंकलन

संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना ने अध्ययन दल को ग्वालियर जिले के कुल प्रभावित 46 गाँवों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने ग्वालियर के साथ-साथ ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों में अति वर्षा के कारण हुए नुकसान के बारे में भी बताया। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अध्ययन दल को बताया कि ग्वालियर जिले में कुल 46 गाँवों में अति वर्षा के कारण नुकसान पहुँचा है। प्रारंभिक सर्वेक्षण के आधार पर लगभग 2 हजार 500 घरों को क्षति हुई है। इसके साथ ही 66 पशु हानि भी हुई है। शासकीय परिसम्पत्तियों में भी भारी नुकसान हुआ है। जिले की लगभग 65 किलोमीटर सड़क एवं 25 पुल-पुलिया भी अति वर्षा के कारण खराब हुई हैं।

केन्द्रीय अध्ययन दल के चाँदपुर भ्रमण के दौरान भाजपा के ग्रामीण जिला अध्यक्ष कौशल शर्मा ने भी केन्द्रीय दल को चाँदपुर में अति वर्षा से हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अति वर्षा के कारण शासकीय परिसम्पत्तियों को नुकसान होने के साथ-साथ कई ग्रामीणों के आवास पूरी तरह से ध्वस्त हुए हैं। इसके साथ ही खेती किसानी को भी नुकसान हुआ है।

दतिया जिले के कोटरा, सुनारी गांव का लिया जायजा
सिंध नदी (Sindh River) में आई बाढ़ (flood) से हुए नुकसान का आकंलन करने केंद्रीय दल ने दतिया जिले के कोटरा, सुनारी बाढ़ ग्रस्त ग्रामों का दौरा कर बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया। और ग्रामीणों से चर्चा की इस दौरान उन्होंने और ग्राम पाली में संचालित राहत शिविर का भी अवलोकन कर रह रहे लोगों से चर्चा की। केन्द्रीय दल ने झांसी ग्वालियर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिंध नदी के पुल में आई दरार का भी अवलोकन किया।

बाढ़ से हुए नुकसान के आंकलन हेतु भारत सरकार के गृह विभाग के ज्वाॅइट सेकेट्री सुनील कुमार वर्णमाल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय केंद्रीय दल ने दतिया जिले के ग्राम कोटरा एवं सुनारी में पहुंचकर गांव का भ्रमण कर बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए मकानों, सामग्री, फसलो आदि की जमीनी हकीकत को देखा। और बाढ़ प्रभावित परिवारों से चर्चा की। केन्द्रीय दल में अभय कुमार, डीके शर्मा भी शामिल थे। भ्रमण के दौरान भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त के आयुक्त ज्ञानेश्वर पाटिल, संभागीय आयुक्त आशीष सक्सैना, कलेक्टर संजय कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अतेन्द्र सिंह गुर्जर, एसडीएम अशोक सिंह चौहान सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। केंद्रीय दल ने ग्राम कोटरा एवं सुनारी का भ्रमण करते हुए बाढ़ प्रभावित परिवारों से चर्चा की।

प्रभावित परिवारों ने बताया कि बाढ़ के कारण उनका सबकुछ नष्ट हो चुका है। पीड़ित परिवारों ने बताया कि शासन, प्रशासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा उन्हें हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही पीड़ित परिवाराें को राहत शिविरों में तत्कालिक ठहरने की व्यवस्था की गई है।गांव के भ्रमण के दौरान संभागायुक्त सक्सैना ने बाढ़ प्रभावित ग्रामों में ब्लीचिंग पाउण्ड़ कर छिड़काव करने के साथ-साथ जेसीबी मशीन के माध्यम से मलबा हटाने के भी निर्देश दिए।कलेक्टर संजय कुमार ने केन्द्रीय दल को बताया कि जिले में बाढ़ से 36 गांव प्रभावित हुए है। जिसमें से 16 गांव में घरों में पानी भर गया था। 6 गांव में अत्याधिक नुकसान हुआ है। जिले में दो स्थानों पर बाढ पिड़तों के लिए राहत शिविर संचालित किए जा रहे हे। जिसमें एवं जिला प्रशासन एवं स्वंयसेवी संस्थाओं के माध्यम से ठहरने, भोजन आदि की भी व्यवस्था की गई है। प्रत्येक बाढ पीड़ित परिवार को 20 किलो आटा, 30 किलो गेंहू एवं जरूरत की सामग्री दी गई है।

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उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण 16,76 आवास क्षतिग्रस्त हुए है। 205 पशु धन की हानि हुई है। अनुमानित 700 हैक्टेयर क्षेत्र में गन्ना, धान की फसल क्षतिग्रस्त हुई है। सर्वे का कार्य जारी है। बाढ़ के कारण 200 कृषि ट्यूबबैल, 50 सिंचाई पंप, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 183 हैण्ड़पंप, जल निगम बड़ौनकलां इंटेकबैल खराब होने के कारण 61 गांव में पेयजल प्रभावित हुआ है। कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि बाढ़ के कारण जिले में तीन पुल क्षतिग्रस्त हुए। जिसमें रतनगढ़ माता, सेवढ़ा पुल और लांच पुल शामिल है। लोक निर्माण विभाग एवं आरईएस की पांच पुल-पुलिया भी बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। सीएमपीएसवाई की 33.80 किलोमीटर लंबाई की 11 सड़के, आरआरडी पीएमसीके वाई की 0.975 किलोमीटर की 13 सड़के प्रभावित हुई है। 12.6 किलोमीटर लंबाई का पहुंच मार्ग जनपद पंचायत एवं आरईएस के 26 सीसी रोड़ 4 सामुदायिक भवन और चार आंगनबाड़ी केन्द्र क्षतिग्रस्त हुए है। मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी की 321 एलटी लाईन, 74 डीटीआर का बाढ़ से नुकसान हुआ है। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को दी गई राहत सामग्री के संबंध में भी जानकारी दी।


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Harpreet Kaur

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