डिंडौरी।
मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में आज ईओडब्ल्यू की टीम ने पीडब्ल्यूडी विभाग में दबिश दी। टीम के पहुंचते ही विभाग में हड़कंप मच गया। अधिकारी-कर्मचारी इधर उधर भागते नजर आए।खबर है कि ईओडब्ल्यू टीम वर्ष 2007,08 में दर्ज हुए भ्रस्टाचार के मामले में जांच करने डिंडौरी पीडब्ल्यूडी कार्यालय पहुँची थी । बताया जा रहा है कि 35 लाख का डामर घोटाला पीडब्ल्यूडी विभाग के तत्कालीन एक्जक्यूटिव इंजीनियर और एसडीओ के द्वारा की गई थी।
दरअसल, पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा साल 2007-08 में 35 लाख रुपए का सड़क में इस्तेमाल किए जाने वाले डामर का घोटाला किया गया था, जिसे वर्ष 2009 में ईओडब्लू ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। इस भ्रष्टाचार के मामले में 2 तत्कालीन अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था। यहां जानकारी जुटाने के लिए ईओडब्लू को पिछले 3 साल से डिंडौरी पीडब्ल्यूडी के दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। लेकिन करप्शन को मिटाने के लिए कोई सहयोग ईओडब्लू को नहीं दे रहे हैं।इन्ही दस्तावेजों को लेने जबलपुर ईओडब्लू डिंडोरी के पीडब्लूडी विभाग पहुंची थी। बताया जा रहा है कि इस भ्रष्टाचार में 35 लाख का घोटाला हुआ था जिसका आरोप पीडब्ल्यूडी विभाग के तत्कालीन एक्जक्यूटिव इंजीनियर और एसडीओ पर है।फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।