MP: मध्य प्रदेश के उमरिया जिले से एसडीएम की गुंडागर्दी का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एसडीएम अमित सिंह की मौजूदगी में उनके कर्मचारियों ने दो युवकों को बुरी तरह से पीटा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। दोनों घायल युवकों ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई।
CM ने एसडीएम को किया निलंबित
उमरिया के बांधवगढ़ एसडीएम को CM मोहन यादव ने निलंबित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सीएम ने सोशल हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मध्य प्रदेश में सुशासन की सरकार है, प्रदेश में आमजन से इस तरह का मानवीय व्यवहार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दरअसल, यह मामला उमरिया जिले के बांधवगढ़ का है। ओवरटेक करने से गुस्साए एसडीएम अमित सिंह ने दो युवकों की गाड़ी का पीछा किया। गाड़ी रूकवाई फिर उन्हें बुरी तरह से पिटवाया। दोनों युवकों का सिर फट गया और उनकी गाड़ी भी फोड़ दी गई है। गाड़ी ओवरटेक करने के मामले में दो युवकों को बुरी तरह पीटा गया है। गंभीर हालत में दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घायल युवक ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि मुझे नहीं पता था कि ओवरटेक करना इतना भारी पड़ेगा। दरअसल, मुझे अपने काम में जाने में देरी हो रही थी, जिस वजह से मैंने एसडीएम की गाड़ी को ओवरटेक किया। लेकिन एसडीएम को यह बात बिल्कुल रास नहीं आई, मुझे और मेरे साथी को बेरहमी से पिटवाया। उन्होंने मुझे गाड़ी से बाहर निकाला और जमीन पर पटक दिया। इसके बाद उन्होंने अपने अन्य साथी को बुलाया और हमारी पिटाई करवाई। इतना ही नहीं हमारी गाड़ी भी तोड़ दी गई।
कांग्रेस सांसद विवेक तंखा ने CM को ट्वीट कर कही थी ये बात
घटना के बाद कांग्रेस सांसद विवेक तंखा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट X पर ट्वीट करते हुए लिखा, यह कैसी शासकीय अहंकार और गुंडागर्दी है, मध्य प्रदेश में। क्या मध्य प्रदेश ऐसी घटना के लिए जाना जाए। उन्होंने आगे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को टैग करते हुए लिखा, आपसे कड़ी कार्यवाही की उम्मीद है। मध्य प्रदेश के वातावरण में ऐसे बेरहम अफसर शाही की कमी नहीं। इस तरह विवेक तंखा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मामले की गंभीरता पर रोशनी डालने के लिए स्थानीय प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।
घायल युवकों ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। इसके बाद बांधवगढ़ एसडीएम अमित सिंह और तहसीलदार विनोद कुमार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर किया है। अब पुलिस लगातार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर गलती किसकी थी। युवकों को पीटने वाले लोगों पर एक्शन लिया जाएगा, क्योंकि इस तरह किसी को भी बेरहमी से पीटना यानी कानून को अपने हाथ में लेने जैसी बात है और इतना हक किसी का नहीं है कि वह कानून को अपने हाथ में ले सके।
SDM ने अपनी सफाई में कही ये बात
एसडीएम ने अपनी सफाई देते हुए कहा, कि हम तो सिर्फ बीच बचाव कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दोनों युवक नशे में थे और तहसीलदार को कट मारकर भागने की कोशिश कर रहे थे। जब हमने उनकी गाड़ी रोकी तो वे झगड़ा करने लगे। इसके बाद वे लोग मारपीट पर उतर आए तो हम बस अपना बीच बचाव कर रहे थे।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब मोहन सरकार बनने के बाद किसी अधिकारी के ऊपर तुरंत कार्रवाई की गई हो। इससे पहले सरकार ने ट्रक ड्राइवर को उसकी औकात पूछने वाले शाजापुर कलेक्टर कन्याल को 24 घंटे के भीतर स्थानांतरण कर सरकार की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी का उदाहरण पेश किया था।
इसके बाद देवास जिले के सोनकच्छ की तहसीलदार को उनके अभद्र व्यवहार और भाषा के चलते सरकार द्वारा त्वरित रूप से हटाया गया था। आज उमरिया में तहसीलदार और एसडीएम पर फिर दर्ज कर सरकार ने यह साफ तौर पर ज़ाहिर किया है की जनता ही जनार्दन है और जनता के साथ बदसलूकी किसी की सूरत में नहीं सही जाएगी।
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भावना चौबे
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मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन से बीए स्नातक किया। मैं अब आगे इसी विषय में DAVV यूनिवर्सिटी से स्नाकोत्तर कर रही हूं। मेरा पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू ही हुआ है। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग, वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली, धर्म इन विषयों पर लिखना अच्छा लगता है।