MP News: धान ख़रीदी के भुगतान में हो रही देरी के कारण उमरिया के किसान पूरी तरह परेशान हो चुके हैं. एनसीसी, एआरसीएस और जिला आपूर्ति अधिकारी की लापरवाही की वजह से अन्नदाता अपनी मेहनत की कमाई के लिए सरकारी दफ्तरों के लगातार चक्कर काटने पर मजबूर हो रहे हैं.
ज़िले भर के किसानों ने ख़रीदी केंद्रों पर लाखों क्विंटल धान बेच दी है, लेकिन भुगतान न मिलने के कारण दिन पर दिन किसानों की समस्या बढ़ती ही जा रही है. उन्हें अपनी मेहनत की कमाई के भुगतान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.
204 करोड़ 7 लाख रुपये का अटका है भुगतान
आपको बता दें, सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रशासन की लापरवाही और सिस्टम की खामियों के चलते सैकड़ों किसानों का लगभग 204 करोड़ 7 लाख रुपये का भुगतान अटका हुआ है.
NCCF और RCF को सौंपा था धान ख़रीदी का ज़िम्मा
आपको बता दें, इस बार शहडोल संभाग के तीनों ज़िलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत एनसीसीएफ को धान ख़रीदी का ज़िम्मा सौंपा गया था. लेकिन NCCF और RCF और जिला आपूर्ति अधिकारी की लापरवाही के कारण किसान महीनों से परेशान हो रहे हैं.
मेहनत की कमाई के लिए दर-दर भटक रहे किसान
बताया जा रहा है, कि उमरिया ज़िले के 19,666 किसानों ने अपनी धान की फ़सल बेच दी है. लेकिन अब उन्हें अपने मेहनत की क़ीमत पाने के लिए रोज़ाना सरकारी अफ़सरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. इससे साफ़ पता चलता है, कि इस बार धान ख़रीदी का पूरा सिस्टम सही ढंग से स्थापित नहीं किया गया है जिस वजह से किसानों को इतनी परेशानी हो रही है.
पायलट प्रोजेक्ट का दावा भी निकला झूठा
प्रशासन के द्वारा यह दावा किया गया था कि पायलट प्रोजेक्ट किसानों को कई फ़ायदे देगा और उनके लिए बेहद फ़ायदेमंद साबित होगा. लेकिन यहाँ तो उलटा ही हो गया फ़ायदा तो क्या, किसानों को अपनी फ़सल का ही पैसा नहीं मिल पा रहा है जिससे किसान हताश और निराश हैं.
किसान कर सकते हैं विरोध प्रदर्शन
लंबे समय से भुगतान नहीं मिल पाने के कारण दिन पर दिन किसानों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है, अगर अब भी पैसा समय से नहीं मिला तो किसान अब विरोध प्रदर्शन की तैयारी में जुट जाएंगे.
जिला प्रशासन व राज्य सरकार से की अपील
किसानों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए और उनका अटका हुआ भुगतान भी तत्काल दिया जाए.
आप भी देखें वीडियो
उमरिया से बृजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट