गुना, संदीप दीक्षित। गुना (Guna) के धरनावदा थाने के धाननखेड़ी में 20 साल पहले मारपीट का एक मामूली विवाद हुआ था। जिसमें दो भाईयों ने एक युवक को पीटा था। इसके बाद पुलिस ने धारा 341, 323 के तहत केस दर्ज कर लिया था। उसके बाद मारपीट को अंजाम देने वाले दोनों युवक तब से ही फरार हो गए और 20 साल तक पुलिस के हाथ नहीं लगे। अजीब बात यह है कि वारदात के तुरंत बाद अगर आरोपी पकड़े जाते और अधिकतम सजा भी मिल जाती तो एक साल में ही बरी हो जाते। लेकिन सजा के डर से आरोपियों ने 20 साल फरारी में काट दिए। लेकिन आखिर में पुलिस ने बुधवार को दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। अब तक इनके ऊपर 10 हजार का इनाम भी घोषित हो चुका था।
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मामला कुछ इस प्रकार है कि साल 1998 में धाननखेड़ी में सपेरा जाति के रमेश और बृजेश ने एक युवक के साथ मारपीट की थी। और रिपोर्ट होने से उनके खिलाफ मारपीट का मुकद्दमा दर्ज हो गया। लगभग तीन साल तक जब दोनों आरोपी पुलिस के हाथ नहीं लगे तो पहले न्यायालय ने वारंट जारी किया। और बाद में पुलिस अधीक्षक गुना ने साल 2011 में उनके खिलाफ इनाम घोषित कर दिया था। दोनों ही आरोपी सपेरा जाति के होने से अपनी प्रवृत्ति का फायदा उठाते रहे और कभी विदिशा तो कभी अन्य जिलों में अपने डेरों के साथ घूमते रहे। कुछ दिन पहले इनका डेरा दोबारा रुठियाई क्षेत्र में पहुंचा। तभी पुलिस की एक टीम को शक हुआ। वारंट खंगाला गया और दोनों भाइयों से पूछताछ की गई तो पूरा मामला साफ हो गया। अपराध भले ही 20 साल पुराना था, लेकिन दोनों को न्यायालय के सामने पेश करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। यहां वारंट तामील होने के बाद कोर्ट ही निर्णय लेगी कि इन दोनों को क्या सजा मिलना चाहिए। हालांकि पुलिस अभी उस फरियादी को भी ढूढ़ रही है, जिसने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लेकिन पुलिस ने अपना दायित्व निभाया और वारंट तामील कराते हुए आरोपी को गुरुवार को न्यायालय में पेश कर दिया जाएगा। इस तरह एक बार फिर सिद्ध हो गया कि अपराधी समय की आड़ लेकर अपने अपराध को नहीं छुपा सकते।