ग्वालियर चम्बल संभाग के दूसरे जिलों की तरह ही ग्वालियर जिले में भी लगातार बारिश हो रही है। कभी तेज मूसलाधार बारिष होती है तो कभी रुक रुक कर लेकिन बारिश की झड़ी रुकी नहीं है। हालातों को देखते हुए ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा है कि ग्वालियर जिले में लगातार हो रही झमाझम बारिश के दौरान जिले में किसी भी आपदा की स्थिति के नियंत्रण के लिए पूर्व से ही स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष पर किसी भी आपदा की स्थिति में सूचना दे सकते हैं। जिसका टेलीफोन नंबर 0751- 244 6210 है इसके अलावा बाढ़ नियंत्रण कक्ष प्रभारी, तहसीलदार श्रीमती शिवानी पांडेय के मोबाइल फोन 9752006778 पर संपर्क कर भी बाढ़ में फंसे लोग मदद मांग सकते हैं।
अब तक हो चुकी है औसत से अधिक वर्षा
जिला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के हिसाब से अब तक ग्वालियर जिले में अब तक 397 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। यह वर्षा 2 अगस्त को प्रात: 8 बजे तक दर्ज की गई है। इस साल अब तक गत वर्ष की तुलना में 191.1 मि.मी. अधिक वर्षा हो चुकी है। गत वर्ष इसी अवधि में 205.9 मि.मी. औसत वर्षा हुई थी। गौरतलब है कि जिले की सामान्य औसत वर्षा 751.2 मि.मी. है। मौसम विभाग के अनुसार एक जून 2021 से 2 अगस्त को सुबह 8 बजे तक जिले के मुरार क्षेत्र में 373.1 मिमी, घाटीगाँव बरई क्षेत्र में 336.1, डबरा क्षेत्र में 389.5 और भितरवार में 489.3 मिमी वर्षा दर्ज हुई है। पिछले साल इस अवधि में मुरार में 197.9, घाटीगाँव में 229.3, डबरा में 190.5 एवं भितरवार में 205.9 मिमी औसत वर्षा रिकॉर्ड की गई थी।
संभाग आयुक्त ने गूगल मीट के जरिए दिए निर्देश
उधर ग्वालियर संभाग के आयुक्त आशीष सक्सेना ने गूगल मीट के जरिए ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जिलों के जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन पुल-पुलियों पर पानी ओवर फ्लो हो रहा हो वहाँ पर आवागमन बिलकुल न होने दें, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाए। साथ ही एहतियात बतौर आपदा प्रबंधन दलों को 24 घंटे सक्रिय रखें।
संभाग आयुक्त ने कहा है कि संभाग भर के जलाशयों एवं बांधों सहित अन्य जल संरचनाओं में पानी के स्तर पर 24 घंटे नजर रखी जाए। बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए जाएं, इसमें किसी प्रकार की ढ़िलाई न हो। श्री सक्सेना ने सार्वजनिक भवनों सहित अन्य खतरनाक भवनों को खाली कराने के निर्देश भी सभी जिलों के कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग को दिए।