सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा- लाल टिपारा गौ-शाला को प्रदेश की आदर्श गौशाला बनाया जाएगा, 5 करोड़ रुपये देने की घोषणा की

Gwalior News, CM Dr Mohan Yadav

Gwalior News, CM Dr Mohan Yadav : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज ग्वालियर दौरे के दौरान ग्वालियर नगर निगम द्वारा संतों के सहयोग से संचालित लाल टिपारा गौशाला में करोड़ों रुपये के विकास कार्यों का शुभारंभ किया, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म का आधार ही गौसेवा है। एक साथ सभी देवताओं की पूजा करना हो तो केवल गौमाता की पूजा करने से सभी देवता प्रसन्न हो जाते हैं। लाल टिपरा गौशाला इस बात का उदाहरण है कि जहां संतों  का प्रताप होता है वहां काम पूरे हो जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाल टिपारा गौशाला को प्रदेश की आदर्श गौशाला बनाया जायेगा। साथ ही ऐसी अन्य स्थानों पर ऐसी आदर्श गौशाला स्थापित करने के लिए कार्य योजना बनाई जाएगी। आदर्श गौशाला के अध्ययन के लिए अन्य नगर निगम से दलों को भेजा जाएगा। उन्होंने लाल टिपारा गौशाला के लिये पांच करोड़ रुपये देने की घोषणा की।

गौ पूजन कर गायों को शेड में प्रवेश कराया

मुख्यमंत्री ने लाल टिपारा आदर्श गौशाला के टीन शेड और सीसी रोड कार्यों का लोकार्पण किया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने गौ पूजन कर गायों को शेड में प्रवेश कराया। इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जो भी व्यक्ति अपने घर में गौपालन कर रहा है वे सभी गोपाल हैं। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद यशोदा मां के आंगन में गाय के दूध, दही, माखन से ही उनका लालन-पालन हुआ था। गौ माता में हमारे 33 कोटि देवी देवता भी विराजमान है।

संतों की उपस्थिति से कार्य पूर्ण हो जाते हैं   

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एक सनातन भूमि है और इसे स्वर्ग बनाने में संतों का ही एकमात्र योगदान है। विश्व के सभी देशों की समस्या है कि उनके कोई संत नहीं है और हमारे यहां संतों के प्रताप से हर अधूरे काम पूरे हो जाते हैं। जहां-जहां भी संतों की उपस्थिति होती है वहां कार्य अपने आप पूर्ण हो जाता है।

CNG प्लांट से आय होगी, निगम के वाहन भी चलेंगे 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सीएसआर फंड से 31 करोड रुपए की लागत से सीएनजी प्लांट भी यहां बनाया जा रहा है जिसमें 7 करोड़ की सीएनजी का उत्पादन होगा जिससे नगर निगम के वाहन चलेंगे। इससे गौशाला को आय भी होगी और उसके संचालन के लिए अतिरिक्त रूप से राशि भी उपलब्ध रहेगी।

जयविलास पैलेस में भी 100 गाय : सिंधिया  

केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनके जयविलास पैलेस में भी 100 से अधिक गाय हैं और यह परंपरा  राजमाता  विजय राजे सिंधिया के समय से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि लाल टिपारा स्थित गौशाला को व्यवस्थित बनाने के लिए ग्वालियर के सभी लोगों ने योगदान दिया है।  सिंधिया ने कहा की हिंदू धर्म में मान्यता है कि गौ माता के खुर की धूल माथे पर लगाने से जीवन के सभी पाप धुल जाते है। महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत की आत्मा गांव में बसती है और गांव की आत्मा गाय में बसती है। भारत भूमि की संस्कृति का अभिन्न अंग गाय है इस धरोहर को पीढ़ी दर पीढ़ी हमे संभालना है।

2004 से लाल टिपारा गौशाला की सेवा में हूँ : तोमर 

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लाल टिपारा गौशाला सेवा में 2004 से जुड़े हुए हैं और लगातार यह प्रयास में है कि गौशाला को व्यवस्थित बनाया जाए जिससे गौ माता का संरक्षण संवर्धन हो सके। इस गौशाला को पूरे विश्व में स्थान मिलेगा । सीएनजी प्लांट लगने के बाद इसको पूरे देश के लोग देखने आएंगे। इंडियन आयल के 31 करोड़ के सीएसआर फंड से गोबर गैस प्लांट लगाया जा रहा है जिसमें 100 टन गोबर और अवशिष्ठ से 7 करोड़ की सीएनजी गैस का उत्पादन होगा। हरित प्रोजेक्ट से पर्यावरण को भी लाभ होगा गायों का संरक्षण होने के साथ अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।

गाय भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ : संत अच्युतानंद 

संत अच्युतानंद महाराज ने कहा कि गाय हमारी भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ है। आदिकाल से ही गायों का महत्व हमारे जीवन में रहा है। वैदिक परंपरा उत्तर वैदिक परंपरा से लेकर वर्तमान तक गायों की उपयोगिता हमेशा रही है। गायों के संरक्षण के लिए शासन स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं और इस प्रकार की गौशालाओं को हर नगर निगम क्षेत्र में बनाया जाए जिससे कि वह संवर्धन के साथ-साथ भारतीय परंपरा को भी बनाए रखा जा सके।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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