कैंप में मिले नजर के चश्मे ने बढ़ाई आंखों की रोशनी, हंसते हुए रवाना हो गए ट्रक ड्राइवर

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। हमारी रोजमर्रा के जरुरत के सामान को हम तक पहुंचाने वाले ट्रक ड्राइवर (truck driver) बहुत से समस्याओं का सामना करते हैं उन्हीं से से एक है आंखों की रोशनी। आमतौर पर इसके प्रति वे लापरवाह भी होते हैं लेकिन केंद्र सरकार सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से ट्रक ड्राइवरों का नेत्र परीक्षण कराती है जिससे उन्हें किसी भी संभावित परेशानी से बचाया जा सके।

कैंप में मिले नजर के चश्मे ने बढ़ाई आंखों की रोशनी, हंसते हुए रवाना हो गए ट्रक ड्राइवरकैंप में मिले नजर के चश्मे ने बढ़ाई आंखों की रोशनी, हंसते हुए रवाना हो गए ट्रक ड्राइवर


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....