हड़ताली निगमकर्मी वाहनों के आगे लेटे, नहीं चलने दी कचरा गाड़ियां, 3 महीने से पेंडिंग वेतन की कर रहे हैं मांग

Gwalior Municipal Corporation employees strike

Gwalior News : पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिलने से परेशान नगर निगम के कर्मचारी अब आर पार की लड़ाई के मूड में हैं, पिछले चार दिन से हड़ताल कर रह रहे इन कर्मचारियों की किसी ने सुध नहीं ली है, आज कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए नगर निगम की गाड़ियों को नहीं चलने दिया, वे गाड़ियों के आगे लेट गए, हड़ताल के चलते शहर की सफाई व्यवस्था भी चरमरा गई है।

आपको बता दें कि ग्वालियर नगर निगम में चीन की कंपनी ईको ग्रीन कंपनी अपनी सेवाएं दे रही थी। वो मुख्य रूप से सफाई व्यवस्था देख रही थी, ईको ग्रीन डोर टू डोर कचरा कलेक्शन कर लैंडफिल साईट पर पहुंचाती थी, उसने अपने यहाँ इस काम के लिए इन कर्मचारियों को भर्ती किया था। लेकिन कंपनी बीच में काम छोड़कर अचानक भाग गई। इसके बाद लम्बे चले संघर्ष के बाद नगर निगम ने इन कर्मचारियों की सेवाएं लेनी शुरू कर दी।

3 महीने से नहीं मिला है कर्मचारियों को वेतन 

कुछ समय तक सब ठीक चला लेकिन अब कर्मचारी वेतन को लेकर परेशान हैं, कर्मचारियों का कहना है कि हमें पिछले 3 महीने से इन्हें वेतन नहीं दिया गया जबकि हमसे बराबर काम लिया जा रहा है। इतना ही नहीं कर्मचारियों का ये भी आरोप है कि उनके वेतन से पीएफ की कटौती की गई लेकिन 36 महीने से उनका पीएफ ही जमा नहीं हुआ। उन्होंने पीएफ में किसी बड़े घोटाले का आरोप लगाया है।

शहर में अलग अलग डिपो के बाहर किया प्रदर्शन 

हड़ताली कर्मचारियों ने आज लक्कड़ खाना नगर निगम डिपो के बाहर प्रदर्शन किया, उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारी शहर की तीनों विधानसभाओं में डिपो के बाहर प्रदर्शन करते दिखे। उधर कर्मचारियों ने कहा कि निगम अधिकारी पुलिस में झूठी शिकायत कर हमरी हड़ताल खत्म करवाने का दबाव डलवा रहे हैं लेकिन जब तक हमारा बकाया वेतन नहीं मिल जाता और पीएफ का पैसा जमा नहीं हो जाता ये हड़ताल जारी रहेगी।

485 कर्मचारी हड़ताल पर, निगम की व्यवस्थाएं चरमराई 

गौरतलब है कि 485 निगमकर्मी हड़ताल पर होने से जहाँ निगम के कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं वहीँ शहर की सफाई व्यवस्था ठप हो गई है, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन वाहन नहीं पहुंचने से मोहल्ले और कॉलोनी के बाहर लोग कचरा फेंकने को मजबूर हैं जिससे कचरों का ढेर लगने लगा है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News