Sun, Dec 28, 2025

Gwalior News : प्रतिबंध के बावजूद जारी है कारोबार, अवैध रूप से बेची जा रही 35 किलोग्राम मछली जब्त 

Written by:Atul Saxena
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मत्स्योद्योग अधिनियम के प्रावधान के तहत बंद ऋतुकाल में मत्स्याखेट, मछली के परिवहन क्रय व विक्रय करने पर दण्डात्मक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिसके तहत एक वर्ष का कारावास व पाँच हजार रुपए का जुर्माना अथवा दोनों प्रकार दण्ड दिया जा सकता है। 
Gwalior News : प्रतिबंध के बावजूद जारी है कारोबार, अवैध रूप से बेची जा रही 35 किलोग्राम मछली जब्त 
Gwalior News :  सरकार ने इन दिनों प्रजनन काल के चलते मचली की खरीद बिक्री और परिवहन पर प्रतिबंध लगा रखा है, ग्वालियर जिले में मत्स्याखेट एवं मछली के अवैध विक्रय व परिवहन को रोकने के लिये मत्स्य विभाग की टीम द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। इस कड़ी में मुरार के पिण्टो पार्क क्षेत्र में विभाग की टीम ने अवैध रूप से बेची जा रही 35 किलोग्राम मछलियां जब्त की हैं।
सहायक संचालक मत्स्योद्योग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जब्त की गई मछलियों में 20 किलोग्राम मेजर कॉर्प एवं 15 किलोग्राम लोकल मेजर व माइनर क्रॉप की मछलियां शामिल हैं। अवैध रूप से मछली बेच रहे लोगों के खिलाफ मत्स्योद्योग अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। कार्रवाई के लिये गई टीम में सहायक मत्स्योद्योग अधिकारी राजेन्द्र सिंह व सुश्री स्मिता मिश्रा, मत्स्य निरीक्षक  डी के सक्सेना व  मप्रकाश सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे।

हर साल 16 जून से 15 अगस्त तक रहता है प्रतिबंध 

गौरतलब है कि मत्स्योद्योग अधिनियम व नियमों के प्रावधानों तहत संपूर्ण मध्यप्रदेश में हर साल 16 जून से 15 अगस्त तक बंद ऋतुकाल रहता है। इस अवधि में मछलियों द्वारा प्रजनन कर अपनी वंश वृद्धि की जाती है। इस अवधि में मत्स्याखेट, मछली के परिवहन क्रय व विक्रय करना संज्ञेय अपराध है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान द्वारा गत जून माह में आदेश जारी कर जिले में बंद ऋतुकाल के दौरान मत्स्याखेट व मछली के क्रय-विक्रय पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है।

आदेश के उल्लंघन पर एक वर्ष का कारावास व पाँच हजार रुपए का जुर्माना 

मत्स्योद्योग अधिनियम के प्रावधान के तहत बंद ऋतुकाल में मत्स्याखेट, मछली के परिवहन क्रय व विक्रय करने पर दण्डात्मक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिसके तहत एक वर्ष का कारावास व पाँच हजार रुपए का जुर्माना अथवा दोनों प्रकार दण्ड दिया जा सकता है। यह प्रतिबंधात्मक आदेश ऐसे छोटे तालाबों व अन्य जल स्त्रोतों पर लागू नहीं होगा जिनका कोई संबंध किसी नदी से नहीं है। इसके अलावा अन्य समस्त नदियों एवं जलाशयों में बंद ऋतुकाल के दौरान मत्स्याखेट, मछली के परिवहन क्रय व विक्रय पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।