MP News : मध्य प्रदेश के वकील 23, 24 और 25 मार्च तीन दिनों तक न्यायालयीन कार्य से विरत रहेंगे, ये फैसला मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद ने लिया है, फैसले की जानकारी परिषद के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया ने पत्रकारों को दी।
ग्वालियर में पत्रकारों से बात करते हुए राज्य अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया ने बताया कि 25 चिंहित प्रकरणों को लेकर जो हाईकोर्ट ने आदेश पारित किया है उसका पूरे प्रदेश में विरोध हो रहा है। इस वजह से मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद ने फैसला लिया है कि 23 मार्च से 25 मार्च तक प्रदेश के किसी भी कोर्ट में न्यायालयीन कार्य नहीं करेंगे।
भदौरिया ने कहा कि 26 मार्च को फिर से बैठक बुलाई जाएंगी जिसमें आगे की रणनीति तय होगी। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में निचली अदालतों में वर्षों से लाखों की संख्या में मुकदमे लंबित हैं, हाईकोर्ट की इस आदेश के पीछे यही मंशा थी कि 5 साल पुराने प्रकरणों का निराकरण कर लंबित मुकदमों की संख्या कम की जाए, लेकिन अब वकील इस आदेश को व्यवहारिक नहीं मान रहे हैं, उनका कहना है कि किसी भी केस की सुनवाई के लिए कागजी खानापूर्ति में वक्त लगता है, अचानक से समय सीमा में बांधकर मुकदमे का निराकरण करना पक्षकारों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट