ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर में भाजपा (BJP Gwalior) के केंद्रीय चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के दौरान आज असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। नाराज कार्यकर्ताओं ने टिकट वितरण पर विरोध जताते हुए राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के मौजूदगी में नारेबाजी की। नाराज कार्यकर्ताओं ने सांसद विवेक शेजवलकर की कार का घेराव किया। कार्यकर्ताओं ने भाजपा के एक नेता पर पैसे लेकर टिकट बेचने का गंभीर आरोप लगाया।
भारतीय जनता पार्टी ने आज रविवार को अपने मुख्य चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया, कार्यक्रम ने राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, सांसद विवेक शेजवलकर सहित अन्य नेता मौजूद थे। उद्घाटन समारोह में मौजूद सभी वरिष्ठ नेताओं ने कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर ग्वालियर में भाजपा की महापौर और भाजपा के पार्षदों को जिताने की अपील की।
उद्घाटन समारोह जैसे ही ख़त्म हुआ टिकट नहीं मिलने से नाराज कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और नारेबाजी करने लगे। उन्होंने पार्टी पर गलत लोगों को टिकट देने के आरोप लगाए। खास बात ये रही की ये सभी वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में हुआ। नाराज कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के बीच से ही राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित अन्य अतिथि वहां से निकल गए।
टिकट नहीं मिलने से नाराज पार्षद पद के दावेदार भाजपा नेताओं ने लम्बे समय से पार्टी की सेवा कर रहे हैं और अब जब टिकट की बात आई तो पार्टी ने उनकी अनदेखी कर सिंधिया समर्थकों को टिकट दे दिए। नाराज नेताओं ने सामान्य सीट पर ओबीसी वर्ग के प्रत्याशी को टिकट दिए जाने पर भी विरोध जताया।
विरोध जताने वाले भाजपा के कार्यकर्ता वार्ड 21, 50, 53 और 54 सहित अन्य वार्डों में दिए टिकट का विरोध कर रहे थे। वार्ड 21 से दावेदार कार्यकर्ता सतेंद्र सिंह गुर्जर ने एक बड़े नेता पर पैसे लेकर उनका टिकट कटवाने का गम्भीर आरोप भी लगाया। नाराज नेताओं ने सांसद विवेक शेजवलकर का घेराव किया, उनकी गाड़ी के सामने विरोध प्रदर्शन किया नारेबाजी की। उधर इस पुरे हंगामें पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सांसद विवेक शेजवलकर ने कहा कि जिसे टिकट नहीं मिलता वो नाराज होता है, कहीं विरोध नहीं है, सब एक जुट है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....