Gwalior News : सरकार के सख्त निर्देश के बाद भी कुछ सरकारी अधिकारी कर्मचारी शासन को राजस्व का नुकसान पहुंचाने से हिचक नहीं रहे, इतना ही नहीं उन्हें सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ करने में भी खौफ नहीं खाते, ताजा मामला ग्वालियर के घाटीगाँव विकासखंड के एक पटवारी से जुड़ा है जिसे सजा दी गई है।
पटवारी निलंबित, विभागीय जांच शुरू
खसरों में बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के भू-स्वामियों के नाम में बदलाव कर शासन को राजस्व हानि पहुँचाना पटवारी भुवनचंद मौर्य को भारी पड़ा है। घाटीगाँव के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी (SDM) राजीव समाधिया ने उन्हें निलंबित कर दिया है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है। पटवारी भुवनचंद मौर्य के खिलाफ किसानों की ओर से लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं।
क्या है पूरा मामला
SDM ने बताया कि पटवारी हलका नम्बर-10 बन्हेरी व अतिरिक्त हलका नम्बर-6 सहसारी के पटवारी भुवनचंद मौर्य द्वारा ग्राम चूही, पूछरी, बन्हेरा, बराहना, सेंकरा, सेंकरी व पहसारी के राजस्व खसरों में अपनी लॉगइन आईडी से बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के ब्लैंक पेपर अपलोड कर भू-स्वामी के नाम में बदलाव किया। इससे शासन को प्राप्त होने वाले राजस्व की हानि हुई है।
तहसीलदार घाटीगांव द्वारा भी पटवारी मौर्य के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसमें उल्लेख था कि पटवारी मौर्य द्वारा राजस्व अभिलेखों के साथ कूटरचित तरीकों से छेड़छाड़ कर पीठासीन अधिकारी एवं न्यायालय को गुमराह किया गया है। इस प्रकार की गंभीर अनियमितताओं की शिकायत मिलने पर पटवारी मौर्य को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में भुवनचंद मौर्य का मुख्यालय तहसीलदार वृत रेंहट रहेगा। उन्हें अनुविभागीय अधिकारी की अनुमति के बगैर मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं होगी। पटवारी मौर्य को प्रतिमाह नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलता रहेगा।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट