Gwalior News : लबालब हुआ तिघरा बांध, 720 फीट पहुंचा जलस्तर, अब नहीं होगी पेयजल समस्या, कलेक्टर ने अफसरों को दिए निर्देश  

Atul Saxena
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Tighra Dam Gwalior
Gwalior News : पूरे प्रदेश की तरह ग्वालियर और उसके आसपास हो रही अच्छी बारिश शहर के लोगों के लिए भी अच्छी खबर लेकर  आई है, बारिश के कारण ग्वालियर की पेयजल व्यवस्था का सबसे बड़ा स्रोत तिघरा जलाशय लबालब हो गया है, इसमें अब तक 720 से ज्यादा फीट से ज्यादा पानी पहुंच गया है, अधिकारियों के मुताबिक इतने  पानी से अगले दो महीने तक शहर में आसानी से पेयजल मिल सकेगा।

कलेक्टर ने तिघरा बांध का निरीक्षण किया 

ग्वालियर शहर की पेयजल आपूर्ति के सबसे बड़े स्रोत तिघरा जलाशय का गुरुवार को कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जायजा लिया। इस अवसर पर उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि तिघरा जलाशय के रख-रखाव का विशेष ध्यान रखें। साथ ही जलाशय के जल स्तर की पूरी सतर्कता के साथ निगरानी की जाए। जल स्तर बढ़ने से यदि तिघरा के गेट खोलने की नौबत आए तो निचले क्षेत्र में स्थित गाँवों को समय से सतर्क कर दें।

गेट खोलने से पहले क्या करना है , बताया कलेक्टर ने 

 कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग के अफसरों से कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस व जनपद पंचायत सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को भी गेट खोलने के संबंध में पहले से ही सूचना दें, ताकि आवश्यक व्यवस्थायें की जा सकें। निरीक्षण के दौरान कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग डबरा अग्निवेश सिंह एवं तिघरा जलाशय के प्रभारी मयंक कटारे सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

तिघरा का जलस्तर 720 फीट पहुंचा , आया दो महीने का पेयजल  

कार्यपालन यंत्री जल संसाधन अग्निवेश सिंह ने बताया कि आज 4 जुलाई को सुबह 7 बजे तक तिघरा का जल स्तर लगभग 720.20 फीट तक पहुँच गया था। वर्तमान में उपलब्ध तिघरा के पानी से शहर को दो माह की पेयजल आपूर्ति की जा सकेगी। मानसून की शुरूआत से ही हो रही अच्छी बारिश से इस साल पूरा तिघरा जलाशय भरने की उम्मीद बंधी है।

हाल ही में बढ़ाई गई है जल संग्रहण क्षमता 

उल्लेखनीय है कि  राज्य शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा तिघरा जलाशय की मरम्मत का कार्य कराया गया है, जिससे जलाशय की जल संग्रहण क्षमता बढ़ गई है। अब तिघरा जलाशय में लगभग 740 फीट तक पानी भर सकेगा।  जिससे ग्वालियर शहर के लोगों की पेयजल समस्या को सुलझाया जा सकेगा।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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