ग्वालियर को क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूजिक का दर्जा देने, भारत सरकार ने यूनेस्को को भेजा प्रस्ताव

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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर (Gwalior) के लिए यह बहुत ही हर्ष का विषय है कि ग्वालियर के शास्त्रीय संगीत व ध्रुपद को वैश्विक पटल पर प्रसारित करने के नगर निगम ग्वालियर एवं स्मार्टसिटी ग्वालियर के संयुक्त प्रयास से भारत सरकार की ओर से ग्वालियर को क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूजिक (creative city of music) घोषित करने का प्रस्ताव भेजा गया है।

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ग्वालियर घराने के मशहूर संगीतज्ञ लक्ष्मण कृष्णराव पंडित एवं प्रसिद्व शास्त्रीय संगीत गायिका डा. मीता पंडित ने ग्वालियर की इस उपलब्धि पर बहुत प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ग्वालियर संगीत की गंगोत्री है। तथा संगीत का सबसे पुराना महोत्सव विश्व प्रसिद्व तानसेन संगीत समारोह ग्वालियर से ही प्रारंभ किया गया। जो कि निरंतर प्रति वर्ष आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय संगीत की विभिन्न शैलियों का निर्माण, प्रचलन, प्रचार एवं प्रसार ग्वालियर से ही प्रारंभ हुआ है। ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर ध्रुपद के पितामाह माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि ग्वालियर को क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूजिक का दर्जा शीघ्र ही मिलेगा।

नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने कहा कि यूनेस्को (UNESCO) में किसी भी शहर कोक्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूजिक में शामिल करने के लिए अनेक विशेषताओं का परीक्षण किया जाता है। जिसमें संगीत का निर्माण और एक्टिविटी, म्यूजिकल फेस्टिवल और इवेंट का अनुभव होना चाहिए। संगीत विद्यालय और महाविद्यालय होने चाहिए। म्यूजिकल इंडस्ट्रीज को प्रचारित किया गया हो एवं स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म जहां संगीत के कार्यक्रम आयोजित हो सकें। ग्वालियर में लगभग सभी विशेषताएं हैं, इन्हीं के आधार पर हमने प्रयास किया।

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निगमायुक्त श्री वर्मा ने बताया कि क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूजिक में शामिल हो जाने के बाद ग्वालियर में पर्यटकों के आने का सिलसिला बढ़ जाएगा। साथ ही शास्त्रीय संगीत को प्यार करने वाले ग्वालियर में इस विधा को हासिल करने के लिए आएंगे, क्योंकि ग्वालियर का संगीत घराना सबसे पुराने घरानों में से एक है, साथ ही यहां पर संगीत महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय भी हैं।

सीईओ स्मार्ट सिटी जयति सिंह ने इस उपलब्धि पर कहा कि ग्वालियर शहर संगीत के क्षेत्र में काफी समृद्ध है, इसकी अपनी एक संगीत विधा और शैली है। शहर की इस पहचान को अंतरराष्ट्रीय मंच में स्थान मिल सके, इसके लिये ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा शहर में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। ग्वालियर स्मार्ट सिटी ने शहर की शासकीय दीवारों पर संगीत से जुड़ी वॉल पेंटिंग सहित स्मार्ट सिटी द्वारा निर्मित डिजिटल म्यूजियम में एक अलग गैलरी के माध्यम से संगीत की विस्तृत जानकारियों को उपलब्ध कराया गया है। वहीं महाराज बाड़ा स्थित टाउन हाॅल भी बनकर तैयार है जो संगीत गतिविधियों के लिये आदर्श जगह है।

ग्वालियर की इस उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम ग्वालियर एवं स्मार्ट सिटी ग्वालियर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है। संस्कृति विभाग, संगीत विशेषज्ञों, राजा मानसिंह तोमर कला एवं संगीत विश्वविद्यालय व अन्य विभागों तथा विषय विशेषज्ञों के समन्वय से ग्वालियर एक वैश्विक पहचान स्थापित करने के बेहद करीब पहुँच गया है ।

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Harpreet Kaur

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