ग्वालियर में वकीलों का प्रदर्शन, साथी अधिवक्ता के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने की मांग

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर में आज जिला न्यायालय के वकीलों ने इंदरगंज चौराहे पर प्रदर्शन किया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, वकील उनके एक साथी के खिलग पुलिस द्वारा केस दर्ज किये जाने से आक्रोशित थे और केस को ख़ारिज करने की मांग कर रहे थे

ग्वालियर में जैन तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्द गोपाचल पर्वत संचालक मंडल के प्रमुख अजित वरैया के साथ कुछ लोगों ने बीती रात मारपीट कर दी, उनका आरोप था कि कुछ लोग रात को गोपाचल पर्वत क्षेत्र में जब तेज गाड़ियों से निकले तो उन्होंने उन्हें टोका तो अंकित वशिष्ठ ने कार में रखे डंडे से अजित वरैया पर हमला कर दिया जिससे वे घायल हो गए, उन्होंने पड़ाव थाने में इसके खिलाफ मामला दर्ज कराया।

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वकीलों ने आज इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि अजित वरैया और उसके साथियों ने हमारे साथी अंकित के साथ मारपीट की और उल्टा उसके खिलाफ ही पुलिस ने शिकायत दर्ज की,  हम जब पुलिस थाने गए तो कोई सुनवाई नहीं हुई, हम ऐसे पुलिस अधीक्षक और टी आई के खिलाफ ज्ञापन दे रहे हैं।

वकीलों ने इंदरगंज चौराहे पर प्रदर्शन किया नारेबाजी कई और कुछ देर के लिए सड़क पर बैठ गए जिससे ट्रैफिक बाधित होने लगा लेकिन वरिष्ठ वकीलों की समझाइश पर वे उठ गये और ट्रैफिक को निकलने दिया, वकीलों ने कहा कि पुलिस की इस तरह की तानाशाही चलने नहीं देंगे, उन्होंने कहा कि अजित वरैया ने गोपाचल पर्वत पर कब्ज़ा कर रखा है, जबकि ये पुरातत्व धरोहर है, ये कोर्ट भी कह चुका है, वरैया के खिलाफ कई मामले भी दर्ज हैं लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता।

उधर सीएसपी विजय भदौरिया का कहना है कि जिला अभिभाषक संघ ने एक ज्ञापन दिया है जिसे एडिशनल एसपी ने लिया है उन्होंने उनकी बात सुनने की मांग रखी है, पुलिस उनका भी पक्ष सुनेगी फिर आगे की कार्रवाई करेगी।

ग्वालियर में वकीलों का प्रदर्शन, साथी अधिवक्ता के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने की मांग

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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