फंसाने के लिए रची झूठी लूट और छेड़छाड़ की कहानी, फरियादी महिला पुलिस गिरफ्त में

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर की झांसी रोड थाना पुलिस  (Gwalior Police) ने एक फर्जी लूट (False Robbery) का खुलासा किया है। पिछले दिनों एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके साथ दो लोगों ने छेड़छाड़ और लूट की घटना को अंजाम दिया है।  आरोपी उसकी सोने की चेन लूटकर फरार गए। पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश की और साक्ष्य जुटाए तो पूरी कहानी झूठी निकली। फरियादी ने पुराने प्रॉपर्टी विवाद के चलते ये झूठी कहानी रची।  पुलिस ने अब इस मामले में फरियादी को ही आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया है।

एडिशनल एसपी राजेश दंडोतिया ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि 26 अगस्त को झांसी रोड थाने में एक महिला ने उसके साथ लूट और छेड़छाड़ की घटना की एफआईआर लिखे थी। महिला ने शिकायत में दो आरोपियों के नाम लिखाये थे जिसमें से एक ज्ञात और अज्ञात था। जो आरोपी ज्ञात था वो रिश्ते में फरियादी महिला का जीजा लगता है।

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एडिशनल एसपी ने बताया कि जब टीआई थाना झाँसी रोड मिर्जा आसिफ बेग ने एक महिला सब इंस्पेक्टर के साथ जांच शुरू की तो बहुत कुछ संदिघ्ध लगा।  महिला ने जिस ज्ञात व्यक्ति का नाम एफआईआर में लिखाया था उसके मोबाइल की टॉवर लोकेशन निकाली गई तो वो फरियादी द्वारा बताई जगह पर नहीं मिली। उस दिन और उस समय वो व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ वकील के पास बैठा था।

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पुलिस ने जब फरियादी महिला को कोतवाली थाने बुलाकर कड़ाई से पूछताछ की तो पूरी सच्चाई सामने आ गई। महिला ने बताया कि उसका अपने रिश्ते के जीजा से पैसे के लेनदेन और प्रॉपर्टी का विवाद चल रहा है इसलिए उसने अपनी दो बहनों और दो मित्रों के साथ मिलकर उसे फंसाने की प्लानिंग की जिससे यदि पुलिस केस होगा तो उन पर दबाव बनेगा और उनका मामला सुलझ जाएगा। पुलिस ने अब इस मामले में फरियादी और उसके साथियों बनाकर उनके खिलाफ ही मामला दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि एक आरोपी अभी फरार है।

 

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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