Indore News : अब अरुणाचल में दिखेगा इंदौर का स्वछता मॉडल, ईटानगर महापौर ने की सरहना।

Gaurav Sharma
Published on -

इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। स्वच्छता के क्षेत्र में पिछले 5 सालों से परचम लहराते आ रहा इंदौर शहर अब खुद में स्वच्छता की यूनिवर्सिटी बन चूका है जहाँ स्वच्छता का पाठ सीखने अब कई प्रदेशों से लोग आने लगे हैं। इसी कड़ी में आज इंदौर की स्वच्छता देखने अरूणाचल प्रदेश के इटानगर महापौर, उप महापौर, पार्षद व अधिकारियो सहित 29 सदस्यी दल शहर पहुंचा, जो भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, नई दिल्ली, द्वारा संचालित एक ट्रेनिंग कार्यक्रम का द्वितीय चरण है। दल ने सबसे पहले इंदौर नगर निगम कबीटखेडी ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन किया।

Indore News : ज़हर खाकर दी जान, कहा दूल्हा दुल्हन की तरह सजाकर करना विदाई।

Indore News : अब अरुणाचल में दिखेगा इंदौर का स्वछता मॉडल, ईटानगर महापौर ने की सरहना। Indore News : अब अरुणाचल में दिखेगा इंदौर का स्वछता मॉडल, ईटानगर महापौर ने की सरहना।

इस मौके पर कार्यपालन यंत्री अनुप गोयल द्वारा कबीटखेडी ट्रीटमेंट प्लांट के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। इसके बाद दल को प्रेजेटेंशन के माध्यम से इंदौर के स्वच्छता अभियान की जानकारी और सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट के संबंध में जानकारी दी गई। साथ ही ट्रेचिंग ग्राउंड में ड्राई-वेस्ट रिकवरी प्लांट, कम्पोस्ट प्लांट के साथ ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। वही इंदौर के निगम अधिकारीयों द्वारा मिली जानकारी और इंदौर में किये गए प्रयासों की ईटानगर के महापौर ने काफी सराहना की और उन्होंने स्वच्छता के इस मॉडल को उनके शहर में भी लागू करने की बात कही। इस दौरान इंदौर शहर की पूर्व महापौर मालिनी गौड़ भी मौजूद रही।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News