Indore News : दिए गए समय में यदि कॉलेज द्वारा एंटी रैगिंग कमेटी की विधिवत जानकारी नहीं दी गई तो एफीलिएशन पर खतरा मंडरा सकता है। दरअसल, शैक्षणिक संस्थानों को शुरू होते ही एक अहम काम एंटी रैगिंग कमेटी बनाना होता है। सत्र के शुरू होने के बाद विद्यालयों द्वारा एंटी रैगिंग कमेटी संबंधित जानकारी डीएवीवी को नहीं दी गई जिसके चलते एक सर्कुलर जारी करते हुए डेढ सप्ताह का समय डीएवी प्रबंधन द्वारा दिया गया है।
यह है मामला
बता दें कि उच्च शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि जल्द ही कॉलेज अपने यहां एंटी रैगिंग कमेटी बनाकर जानकारी भेजने के निर्देश के बाद डीएवीवी से संबंधित रखने वाले विद्यालयों को सर्कुलर जारी करते हुए जल्द से जल्द एंटी रैगिंग कमिटी और इसको बनाने के निर्देश दिए गए हैं। बता दे कि देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी ने अपने से संबंद्धता रखने वाले तकरीबन 288 कॉलेजों में एंटी रैगिंग कमेटी बनाने के निर्देश दे दिए हैं।
दरअसल उच्च शिक्षा विभाग चाहता है कि कॉलेजों में आपसी सामंजस्य और बेहतर शैक्षणिक गुणवत्ता का माहौल मिलता रहे, इसके लिए व्यवस्था की गई है। बीते कुछ वर्षों में रैगिंग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए भी एंटी रैगिंग कमेटियां कारगर रही थीं, ऐसा विभाग का मानना है प्रदेश के सभी शासकीय और निजी कॉलेजों में यह कमेटियां बनाई जाएंगी और अगस्त के दूसरे सप्ताह के आखिर में जागरूकता अभियान भी छात्रों के बीच चलाया जाएगा जिससे कि कॉलेज में प्रवेश लेने वाले नए छात्रों को भयमुक्त बेहतर माहौल मिल सके और छात्र शिक्षा में अपना ध्यान निर्भीक होकर केंद्रित कर सकें।
एलके त्रिपाठी ने एंटी रैगिंग कमेटी की पूरी जानकारी देते हुए पिछले सालों में कई मामलों का सामने आना और उन पर कार्यवाही करने के बाद भी मीडिया से यह बात कहीं है।
इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट