पहले भारतीय दंड संहिता थी अब न्याय संहिता हो गई : मंत्री कैलाश विजयवर्गीय

देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने स्वतंत्रता के बाद गुलामी के जितने भी निशान है वह मिटने चाहिए इस बात का जिक्र किया था यह कानून भी गुलामी के निशान मिटाने का बहुत बड़ा प्रमाण है इस कानून से जुड़ी हुई जितनी भी कड़ियां हैं उनको थोड़ी मेहनत जरूर करनी पड़ेगी,तो वही मॉब लिंचिंग के लिए काफी अच्छा प्रावधान है बेटियों के साथ यदि गलत होता है तो इसमें काफी कड़क कानून बनाए गए हैं।

Amit Sengar
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Kailash Vijayvargiya

Indore News : देशभर में आज से नए कानून की शुरुआत हो गई है इसी कड़ी में इंदौर के पुलिस कंट्रोल रूम पर एक संवाद कार्यक्रम रखा गया जिसमें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित इंदौर शहर के कई प्रबुद्ध जन पहुंचे और इस कानून के किस तरह के फायदे हैं और यह कितना सहायक है इसके बारे में जहां पुलिस ने जानकारी दी तो मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस नए कानून को लेकर अपनी बात कही है।

नए कानून… नए प्रावधान…

देशभर में आज से नए कानून की शुरुआत हो गई है इसी कड़ी में नए कानून के बारे में जानकारी देने के लिए इंदौर पुलिस कंट्रोल रूम पर नए कानून नए प्रावधान को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया गया, इस सेमिनार में भाग लेने के लिए इंदौर शहर के कई प्रबुद्ध जनों के साथ ही मंत्री कैलाश विजयवर्गीय महापौर पुष्य मित्र भार्गव सहित कई जनप्रतिनिधि भी पहुंचे। वहीं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से बात करते हुए इस कानून को काफी सहायक बताते हुए कई और बातों का जिक्र किया है।

अब दंड देने का प्रावधान नहीं न्याय मिलने का प्रावधान है

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा की यह बड़ी बात तो यह है कि भारतीयों के द्वारा भारतीय संसद में बना हुआ कानून है इसके पहले जितने भी कानून के प्रावधान थे। वह कहीं ना कहीं अंग्रेजों ने डुप्लीकेट किए हुए हैं। इसलिए पहले भारतीय दंड संहिता थी अब न्याय संहिता हो गई अब दंड देने का प्रावधान नहीं न्याय मिलने का प्रावधान है और आधुनिक तकनीक का अधिकतम प्रयोग भारत के साथ दुनिया के अंदर बढ़ाया जाए, भारत में तकनीकी क्षेत्र में कितनी बढ़ोतरी की है। हमारा छोटा सा आरक्षक भी तकनीकी रूप से कितना सक्षम है। तो वही जेल में बैठा प्रहरी भी कितना सक्षम है, तो वही न्यायाधीश तो है ही सक्षम, इस कानून में तकनीक का जितना अधिकतम उपयोग किया है। इसमें साक्ष्य मिटाने की संभावना बहुत कम है साधारणता कई बार लोग बयान देते हैं और फिर बदल जाते हैं अब बयान देने वाला और उनका वीडियो बन जाएगा तो वह बयान बदलने में चार बार सोचेगा और यह भी काफी महत्वपूर्ण बात है। इसी के साथ रिस्पांसिबिलिटी यदि न्याय देर से मिलता है तो न्याय का हनन होता है, अब लोगों को न्याय समय पर मिलेगा यह बहुत बड़ा प्रावधान है अब इसमें सब की जवाबदारी सुनिश्चित की गई है पुलिस को कितने दिन में चालान पेश करना है कितने दिन विवेचना करना है इस कानून में सबकी जवाबदारी है, एक बार को कोई मामला कोर्ट में गया तो तारीख बढ़ते रही , लेकिन इस कानून में यह प्रावधान नहीं है अब न्याय जल्दी मिलेगा।

कानून की जमकर प्रशंसा

वही कैलाश विजयवर्गीय ने कहा की देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने स्वतंत्रता के बाद गुलामी के जितने भी निशान है वह मिटने चाहिए इस बात का जिक्र किया था यह कानून भी गुलामी के निशान मिटाने का बहुत बड़ा प्रमाण है इस कानून से जुड़ी हुई जितनी भी कड़ियां हैं उनको थोड़ी मेहनत जरूर करनी पड़ेगी,तो वही मॉब लिंचिंग के लिए काफी अच्छा प्रावधान है बेटियों के साथ यदि गलत होता है तो इसमें काफी कड़क कानून बनाए गए हैं। जहां मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस कानून की जमकर प्रशंसा की तो वहीं पुलिस ने एक डॉक्यूमेंट्री भी इस कानून से संबंधित पेश की जिसमें विभिन्न तरह की बातों का जिक्र किया गया है।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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