इंदौर, आकाश धोलपुरे। प्रदेश में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर इंदौर (Indore) में यूं तो फरवरी माह में कोरोना को खत्म सा माना जा रहा था, लेकिन अचानक दिन बदले और फिजाओं में एक बार फिर कोरोना का रंग घुल गया। जिसके चलते लोगो को कई मुश्किलें झेलना पड़ रही है। वही एक साल से रुके कई लोगों ने इस साल शादी के बंधन में बंधने का फैसला लिया पर कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
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दरअसल, कोरोना के बाद लॉकडाउन (Lockdown) की बंदिश ने तो उन युवाओ की तैयारियों पर ताला जड़ दिया है, जो पिछले कई महीनों से अपनी शादी का इंतजार कर नये जीवन मे प्रवेश के खुशनुमा सपने देख रहे थे। बतादें कि हर रोज कोरोना के बढ़ते मामलो के चलते प्रदेश में सरकार ने 3 रात और 2 दिन का लॉकडाउन लगा दिया है और लोग लॉकडाउन के बढ़ने की आशंका से आशंकित है। यही वजह है कि इंदौर में जिन घरों पर शादियों की तैयारियां चल रही थी उन पर लगाम लग गई है। बता दे कि इंदौर में शनिवार और रविवार को फिलहाल, शादी जैसे किसी भी आयोजन की अनुमति जिला प्रशासन ने नहीं दी है और अन्य दिनों में केवल 50 लोगो की मौजूदगी में आयोजन के लिए अनुमति देने का निर्णय लिया है।
प्रशासन के इस निर्णय के बाद अप्रैल और मई में जिन युवाओं की शादी होना तय थी, वो युवा और उनके परिवार वाले भी असमंजस की स्थिति में है। ऐसा ही कुछ इन दिनों इंदौर के सुदामा नगर में रहने वाले शुक्ला परिवार के साथ चल रहा है जहां डॉक्टर बेटी की शादी के लिए गार्डन और रिसार्ट की बुकिंग के साथ ही लजीज व्यंजनों के लिए कैटरिंग की भी बुकिंग की जा चुकी थी और कार्ड भी छपने की तैयारी में थे, लेकिन हालिया लॉकडाउन ने शुक्ला परिवार की खुशियों पर नजर सी लगा दी है। हालांकि ये अकेले शुक्ला परिवार की ही कहानी नही है बल्कि ऐसे हजारो परिवार की दुविधा है जो फिलहाल सकते में है।
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बता दे कि इंदौर की सबसे बड़ी कालोनी सुदामा नगर में रहने वाली डॉ. निवेदिता शुक्ला की शादी की तैयारी चल रही थी, लेकिन अचानक लगे लॉकडाउन के बाद निवेदिता खुद ही सरकार से निवेदन कर रही है 29 और 30 अप्रैल को होने वाली उसकी शादी में लॉक डाउन जैसी कोई अड़चन न आये और कम लोगो की मौजूदगी में ही सही लेकिन शादी खुशी-खुशी हो जाये। फिजियोथेरेपिस्ट (Physiotherapist) डॉ. निवेदिता शुक्ला की माने तो वो जानती है देश बुरे दौर से गुजर रहा है और हम सरकार की गाइडलाइंस का पालन कर रहे है लेकिन ऐन शादी के मौके पर लॉकडाउन लगेगा तो शादी की खुशियों पर ही तालाबंदी हो जाएगी लिहाजा, सरकार शादी के लिए कोई गाइडलाइन तय करे जो मेहमानों और परिवार वालो के लिए बेहतर हो।
इधर, डॉ. निवेदिता की मां ज्योति शुक्ला ने बताया कि हमारे घर शादी की तैयारी पूरी हो चुकी है ऐसे में आगे लॉकडाउन यदि जारी रहा तो उससे हमारी समस्या खड़ी हो जाएगी। 30 अप्रैल को होने वाली शादी के लिए जहां पहले 500 मेहमानों की तैयारी की गई थी, वही अब नियमो के मुताबिक 50 मेहमानों को ही बुलाने वाली ज्योति शुक्ला ने बताया कि उनकी एक बेटी और एक बेटा है और वर्षो से उनकी तमन्ना थी कि शादी धूमधाम से करेगी, लेकिन लॉकडाउन और पाबंदी के कारण वो खुद असहज हो चुकी है।
वही बहन की शादी में खुशियां मनाने को बेताव आदित्य शुक्ला ने बताया कि हम सरकार के नियमो को मानने को तैयार है लेकिन सरकार शादी के लिए विशेष छूट सभी को दे, ताकि जीवन मे एक बार आने वाली खुशी ताउम्र याद रहे। ऐसा नही है कि जिन परिवारो में शादी हो रही है वो ही लॉकडाउन से दुःखी है बल्कि वो लोग भी दुःखी है जो शादी की खुशियों में चार चांद लगाते है। जी हां हम उन बैंड वालो की बात कर रहे है जिनकी बैंड पिछले साल की ही तरह इस साल भी लॉकडाउन ने बजा रखी है। बैंड संचालको की माने तो वो जैसे तैसे कर्जा लेकर अपना और अपने साथियों का भरण पोषण कर रहे है ऐसे में यदि वर्तमान में लगा लॉकडाउन आगे बढ़ता है तो उनके हाथों में कटोरा आ जायेगा और वो भीख मांगने पर मजबूर हो जाएंगे। लिहाजा, बैंड बजाने वाले भी शादी में 250 लोगो की अनुमति देने की मांग कर रहे है और बैंड बजाने वालो को विशेष रियायत देने की मांग कर रहे है।
फिलहाल, मध्यप्रदेश में 60 घण्टे का लॉक डाउन जारी है और ऐसे में कोरोना की चैन नही टूटी तो सरकार भी कड़े फैसले लेने पर मजबूर रहेगी यदि लॉकडाउन आगे भी जारी रहा तो मुश्किलें बढ़ना तय है और शादी की तैयारियां भी बेमानी हो सकती है।
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