इंदौर, आकाश धोलपुरे। इंदौर (Indore) में महिला अपराध और छोटी बच्चियों के गुमशुदगी के मामले लगातार सामने आ रहे है। ऐसी घटनाओं को रोकने और महिला अपराध पर अंकुश लगाने के लिए इंदौर पुलिस के आला अधिकारियों ने 40 महिलाओं की एक स्पेशल टीम तैयार की है। स्पेशल ड्रेस में महिला अधिकारियों की यह टीम सेंसिटिव इलाकों में तैनात की जाएगी। टीम का काम महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को रोकना और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना भी होगा।
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दरअसल, इंदौर पुलिस ने महिला अपराध रोकने के लिए की एक नई पहल की है। स्पेशल 40 महिला कमांडो की टीम स्पेशल ड्रेस कोड के स्पेशल ट्रेनिंग पाकर अब महिला अपराधों पर नजर रखेगी। बता दे कि इंदौर में सघन इलाकों और छोटी बस्तियों से नाबालिग बच्चियों के लापता होने की वारदातें लगातार सामने आ रही है। ऐसी वारदातों को रोकने के लिए इंदौर पुलिस ने स्पेशल 40 महिला कमांडो की एक टीम बनाई है। इस टीम की रणनीति एएसपी और डीआईजी ने तय की है। ये महिलाएं मेले, त्यौहारों और सघन बस्तियों में तैनात रहेगी और महिला संबंधी अपराधों को रोकने में पुलिस की मदद करेगी। टीम में शामिल महिलाये स्वेच्छा से पुलिस की मदद करेगी। महिला कमांडो टीम को स्पेशल ड्रेस और स्पेशल ट्रेनिंग के साथ ही पर्सनल वॉकी टॉकी भी दिए गए हैं। एएसपी प्रशांत चौबे ने बताया कि महिला कमांडो की टीम को ऐसे अपराधों को कैसे नियंत्रित करना है उसकी विशेष ट्रेनिंग भी दी गई है।
महिला कमांडोज करेगी महिलाओं, युवतियों और मासूम बेटियों की रक्षा
बतादें कि शहर में शायद ही कोई ऐसा दिन होता है जब इंदौर महिला संबंधी अपराध का मामला सामने न आता हो। इन्ही अपराधों पर लगाम लगाने के लिए इस टीम का गठन किया गया है। वही एडिशनल एसपी प्रशांत चौबे ने बताया कि महिला अपराधों पर नियंत्रण के लिए सामुदायिक पुलिसिंग के लिए गठित इस टीम का मूल उद्धेश्य महिलाओं की सुरक्षा और बस्तियों से लापता हो रही नाबालिगों को समझाना है। यह टीम कम उम्र में भाग रही बच्चियों को ऐसा न करने के लिए जागरूक करेंगी साथ ही गुड टच बैड टच के बारे में भी जानकारी देंगी। इसके अलावा महिलाओं को समझाएंगी कि यदि उनके खिलाफ कोई अपराध होता है तो वे थाने जाकर कैसे रिपोर्ट करे।
इंदौर पुलिस द्वारा स्पेशल 40 महिला विंग का गठन करना इस बात की गंभीरता साबित करता है कि महिला अपराध को रोकने के लिए इंदौर पुलिस हर मुमकिन कोशिश में जुटी है। यदि पुलिस का ये प्रयोग सफल साबित होता है तो निश्चित ही शहर में महिला अपराध के मामलों में कमी आएगी। फिलहाल, कहा जा सकता है कि पुलिस की यह कोशिश कितनी कामयाब रहेगी ये आने वाला वक्त ही बताएगा।