केंद्रीय मंत्री बोले- हैरिस उपराष्ट्रपति बन सकती हैं तो सोनिया गांधी पीएम क्यों नहीं?

Pooja Khodani
Published on -
केंद्रीय मंत्री

इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। हमेशा चर्चाओं में रहने वाले केंद्रीय मंत्री और आरपीआइ नेता रामदास अठावले (Union Minister Ramdas Athawale) ने कांग्रेस अध्यक्ष  सोनिया गांधी के संबंध में एक बड़ा बयान देकर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। मोदी कैबिनेट में मंत्री अठावले का कहना है कि जब UPA सत्ता में आई थी, तब सोनिया गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनना चाहिए था। इसके लिए उन्होंने तर्क दिया है कि जब कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति बन सकती हैं तो सोनिया गांधी भारत की प्रधानमंत्री क्यों नहीं सकतीं।

खुशखबरी : अब किसानों को मिलेंगे 6000 की जगह 36000, यहां समझे पूरा गणित

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इंदौर में शनिवार को खुलासा करते हुए कहा कि जब 2004 के चुनावों में यूपीए को बहुमत मिला था, तब मैंने प्रस्ताव रखा था कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को भारत का प्रधानमंत्री बनना चाहिए। इसके पीछे उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि अगर भारतवंशी कमला हैरिस (Kamala Harris) अमेरिका की उपराष्ट्रपति बन सकती हैं, तो इटली में जन्मीं सोनिया गांधी भी 17 साल पहले यूपीए की जीत के बाद भारत की प्रधानमंत्री बन सकती थीं।अठावले के इस बयान ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया और देश से लेकर विदेश तक में हलचल तेज कर दी है।

MP News: 3 पंचायत सचिव और एक उपयंत्री निलंबित, रोजगार सहायक समेत 5 को नोटिस

इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि था और अगर उन्हें यह पद स्वीकार नहीं करना था, तो कांग्रेस (Congress) को मजबूत करने के लिए पार्टी के तत्कालीन वरिष्ठ नेता शरद पवार को प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए था, जबकी 2004 में यूपीए ने डॉ मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद (Indian Prime Minister) के लिए चुना था।  इसमें सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि केंद्रीय मंत्री का बयान ऐसे समय पर आया है जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका (PM Modi USA Tour) के दौरे पर है और वे वहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और कमला हैरिस के साथ बैठक भी कर चुके है।वही आगामी दिनों में भारत के कई राज्यों में चुनाव होने है।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News