जबलपुर, संदीप कुमार। देशभर की सभी 41 केंद्रीय सुरक्षा संस्थान आज 1 अक्टूबर से डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट्स याने (DPSU) संभालेंगे। इस योजना को लेकर केंद्र सरकार ने पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी। सरकार के इस निर्णय का फैक्ट्री में कार्यरत कर्मचारियों ने लगातार विरोध भी किया था। ऐसे में अब आज से फैक्ट्री के सभी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के विरोध की तैयारी शुरू कर दी है।
कर्मचारियों को है भविष्य की चिंता
बताया जा रहा है कि अगर डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट्स केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों को संभालेंगे तो उसके बाद कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। हालांकि सरकार ने कर्मचारियों के सामने स्पष्ट किया था कि इससे उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं होगा लेकिन ये कर्मचारी सरकार के इस निर्णय को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में जबलपुर की चारों फैक्ट्रियों में कार्य करने वाले कर्मचारियों ने सरकार का विरोध करने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
वहीं अब डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट्स संभालते ही व्हीकल फैक्ट्री में उत्पादन पर कटौती होना शुरू हो गई है। एक जानकारी के मुताबिक व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में सेना के लिए 450 माइंस प्रोडक्ट व्हीकल बनने का ऑर्डर था लेकिन अब फैक्ट्री के पास सिर्फ 121 माइंस प्रोटेक्ट व्हीकल का आर्डर है। यानी सीधे तौर पर 329 व्हीकल की कटौती की गई है। व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर ने अभी तक 100 व्हीकल तैयार कर लिए हैं जिसमें कर्मचारियों को अब मार्च तक सिर्फ 21 व्हीकल और बनाने मिलेंगे। ऐसे में कर्मचारियों को वेतन की समस्या अभी से दिखने लगी है।
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आपको बता दें, जबलपुर में चार केंद्रीय सुरक्षा संस्थान हैं। ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में जहां सेना के लिए गोला बारूद बनाया जाता है, तो वहीं गन कैरिज फैक्ट्री में धनुष और सारंग जैसी बड़ी तोप बनाई जाती हैं। वही व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में सेना के लिए वाहन तो ग्रे आयरन फाउंड्री फैक्ट्री में छोटे-छोटे कलपुर्जे जो की तोप और वाहनों में लगाए जाते हैं उन्हें निर्माण किया जाता है।