जबलपुर, संदीप कुमार। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण (OBC reservation )देने के सरकार के अध्यादेश के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (High Court) में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बड़े हुए आरक्षण पर रोक लगा दी है और फिलहाल 14 प्रतिशत आरक्षण देने का अंतरिम आदेश जारी किया है। इस अंतरिम आदेश को चुनौती देने के लिए राज्य सरकार (MP Government) ने सुप्रीम कोर्ट Supreme Court) में याचिका दायर करने की मंशा जताई है।
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राज्य सरकार की इस मंशा को देखते हुए याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में केविएट दायर कर दी गई है। जिसके तहत यदि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करती है तो इस अध्यादेश का विरोध करने वाले याचिकाकर्ता के वकील को अपना पक्ष रखने की सुविधा मिल जाएगी।याचिकाकर्ता के वकील आदित्य संघी ने बताया कि राज्य शासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर करने का सिर्फ यही मकसद है कि प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राज्यों के लिए निर्धारित किए गए आरक्षण के कोटे की सीमा को पार न किया जा सके।
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बता दे कि मध्य प्रदेश सरकार ने मार्च 2019 मे अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाला आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ा कर 27 प्रतिशत कर दिया था। आरक्षण मे की गई इस वृद्धि के खिलाफ हाईकोर्ट मे याचिकाए दायर की गयी थी जिनकी एक साथ सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के इस अध्यादेश पर रोक लगा दी थी, जो कि अभी भी जारी है।इस रोक के तहत OBC को सिर्फ 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है।वही मंगलवार को जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में हुई सुनवाई में 27 प्रतिशत आरक्षण ( OBC Reservation) पर लगी रोक को बरकरार रखा है। अब इस मामले में कोर्ट अंतिम सुनवाई 10 अगस्त 2021 में होगी।