जबलपुर, संदीप कुमार। सतना (Satana) से सीधी (Sidhi) जा रही बस (Bus) के नहर में गिर जाने से कल 50 यात्रियों की मौत हो गई और इस बडे हादसे के बाद आखिरकार अब मध्यप्रदेश का परिवहन विभाग जागा है और अवैध तरीके से चल रही बसों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है।
परिवहन आयुक्त के निर्देश पर बस स्टैंड पहुँचे आरटीओ
सीधी में हुए हादसे के बाद परिवहन आयुक्त ने तमाम आरटीओ को बसों के चेक करने के निर्देश दिए और इस निर्देश के बाद आज जबलपुर आरटीओ संतोष पाल आईएसबीटी बस स्टैंड पहुंचे और संचालित हो रही बसों की जांच की, शुरुआती दौर में ही आरटीओ संतोष पाल को 2 बस मिली जो कि बिना परमिट के ही संचालित हो रही थी इसके अलावा और भी कई खामियां बसों के संचालन में देखी गई., जिसके बाद बसों को जब्त कर लिया गया।
आरटीओ संतोष पाल का गैर जिम्मेदाराना बयान
परिवहन विभाग का काम होता है कि समय-समय पर बसों को चेक करे कि क्या वह मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं बावजूद इसके परिवहन विभाग जब इस तरह की लापरवाही बरतता है तो फिर सीध जैसे हादसे सामने आते हैं, सीधी में 50 लोगों की मौत हो जाने के बाद भी जबलपुर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का कहना है कि हम समय-समय पर और रोजाना बसों की चेकिंग करते हैं और जो बसें परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक नहीं पाई जाती है तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है।
बड़ा सवाल? फिर क्यों चल रही है अवैध बसें जब परिवहन विभाग रखता है इन पर नजर
आरटीओ संतोष पाल के शुरुआती निरीक्षण के समय ही बस स्टैंड में दो बसे मिली जो कि बिना परमिट के चल रही थी,इतना ही नही बसों के चालक-परिचालक बिना यूनिफार्म के थे वही अग्निशमन यंत्र भी बसों में नही मिला इसके बाद भी आरटीओ संतोष पाल का कहना है कि हम समय समय पर कार्यवाही करते है। ये दर्शाता है कि परिवहन विभाग अपना काम कितनी ईमानदारी से करता है।
आरटीओ ने यात्रियों को बस से उतारा, दूसरी बसों के लिए परेशान होते रहे यात्री
परिवहन आयुक्त के निर्देश पर जबलपुर आरटीओ संतोष पाल ने आईएसबीटी बस स्टैंड पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की और वह बसें जो की परिवहन विभाग के तय पैमाने में नहीं थी उन बसों के खिलाफ कार्रवाई की, इसके चलते यात्रियों को भी बसों से उतारना पड़ा और फिर दूसरी बसों के लिए यात्री परेशान भी नजर आए।
हम आपको बता दें कि जबलपुर के आईएसबीटी बस स्टैंड से रोजाना करीब 1000 बसें संचालित होती हैं इतनी बड़ी संख्या में बसों के संचालन होने के बाद भी परिवहन विभाग का अमला बस स्टैंड से संचालित हो रही बसों पर निगरानी नहीं रखता है, ऐसे में कहा जा सकता है कि परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते ही इस तरह के बड़े हादसे सामने आ रहे है।