केंद्रीय जेल जबलपुर में बंद बिशप पी.सी सिंह के इशारे पर चल रहा क्राइस्टचर्च स्कूल, पढ़ें पूरी खबर

Sanjucta Pandit
Published on -

जबलपुर, संदीप कुमार | केंद्रीय जेल जबलपुर में बंद बिशप पी.सी सिंह का रुतबा स्कूलों में किस कदर था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, जब उसके करीबी सुरेश जेकब के बेटे क्षितिज चेकब के बेटे को सालीबाड़ा क्राइस्ट चर्च स्कूल का प्रिंसिपल बनाया गया और उसकी तनख्वाह में बेहिसाब बढ़ोतरी की गई। इसका विरोध स्कूल स्टाफ ने किया तो पी.सी सिंह के इशारे पर स्कूल का सैलरी रजिस्टर हटवा दिया गया। इसके बाद से सैलरी रजिस्टर में किसी भी तरह की जानकारी नहीं दर्ज करवाई गई।

यह भी पढ़ें – हजारों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, नियमित पदों पर होगी नियुक्ति, आरक्षण का निर्धारण, मिलेगा लाभ 

हाल ही में ईओडब्ल्यू की जांच में खुलासा हुआ है कि जेल में बंद पी.सी सिंह और उसके खास रहे सुरेश जैकब के बेटे क्षितिज जेकब और एक अन्य करीबी रिश्तेदार की नौकरी सालीवाडा स्थित क्राइस्टचर्च स्कूल में लगवाई गई थी। दोनों की तनखा भी अन्य टीचरों की अपेक्षा बहुत ज्यादा थी जिसका विरोध जब स्कूल के कुछ स्टाफ ने किया तो वहां से सेलरी रजिस्टर ही हटा दिया गया। ईओडब्ल्यू की टीम अब उस रजिस्टर को पता लगाने में जुटी हुई है जिसे की पी.सी सिंह के इशारे पर हटाया गया था। ईओडब्ल्यू की जांच में यह भी पता चला है कि नीरज डेविड को पी.सी सिंह ने एजुकेशन बोर्ड का सदस्य बनाया इसके बाद फर्जीवाड़ा की शुरुआत हुई थी। नीरज डेविड को पी.सी सिंह के फर्जीवाड़े का विरोध करना था और उसकी शिकायत करनी थी। लेकिन यह सब करने की वजह नीरज डेविड ने पी.सी सिंह का ही साथ दिया और वह भी इस घोटाले में शामिल हो गया।

यह भी पढ़ें – MP : सरकार की नई तैयारी, सुशासन की दिशा में नए प्रयास, प्रस्ताव तैयार, सभी जिलों को मिलेगा लाभ 

बता दें कि पीडब्लूडी विभाग ने क्राइस्ट चर्च स्कूल को जमीन का कुछ हिस्सा लीज पर दिया था. जिसपर पी.सी सिंह ने कब्जा जमा लिया था और वहां पर प्रिंसिपल रूम का निर्माण कर दिया गया लेकिन, अब विभाग लीज पूरा हो जाने के बाद उसे वापस लेने की तैयारी में जुट गया है। वहीं, जबलपुर जिला प्रशासन ने भी क्रिश्चियन मिशनरी सोसाइटी के भूमि पट्टे के नवीनीकरण के आवेदन को ठुकरा दिया है। अब यह भूखंड सरकारी भूमि के रूप में पंजीकृत किया जाएगा। इससे पहले भी पीसी सिंह का नाम फर्जीवाडे में सामने आया था। दरअसल, पीसी सिंह ने अपने नाम पर एक जमीन खरीदी थी। जिसके लिए उसने बैंक से लोन लिया था लेकिन ईओडब्ल्यू की जांच में खुलासा हुआ कि बैंक की किश्तें स्कूल के नाम पर आती थीं और स्कूल द्वारा ही बैंक की किश्तें भरी जा रहीं थी।

यह भी पढ़ें – ट्रेन की चपेट में आए दो आरपीएफ के जवान, मौके पर मौत 

केवल इतना ही नहीं, पीसी सिंह ने एक ATM बूथ भी खुलवाया था, जिसे उसने किराये पर दे रखा है। जिससे जितनी भी रकम आती है किराया के रुप में वो अपने पास ही रख लेता है। वहीं, EOW की छापेमारी के दौरान पी.सी. सिंह के पास से करीब 1 करोड़ 60 लाख रुपए नगद बरामद किए गए थे। इसके अलावा 2 किलो सोना, ज्वैर समेत कार जब्त की गई थी।

यह भी पढ़ें – MBBS डॉक्टर ने हिंदी में लिखा दवा का पर्चा, पढ़े पूरी खबर


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News