Jabalpur News : बजरंग दल कार्यकर्ता का भाई गायब, गड्ढे में नहीं मिला शव, तलाश जारी

Atul Saxena
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Jabalpur News :  कैंट क्षेत्र में रहने वाले बजरंग दल कार्यकर्ता रमेश यादव का छोटा भाई रोहित 18 जुलाई सुबह से गायब है। परिवार वाले उसे काफ़ी तलाश कर रहे है लेकिन उसका कुछ भी पता नहीं चला है। इस बीच परिजनों को किसी ने सूचना दी कि जो व्यक्ति गायब है उसे कुछ लोगों ने जमीन में दफ़न करते देखा है, सुनकर परिजनों के होश उड़ गए उन्होंने जमीन को खोदकर देखा लेकिन वहां उसका शव नहीं मिला।

आपको बता दें कि रोहित यादव 18 जुलाई से घर से गायब है, वे डेयरी व्यवसाई हैं, परिजनों ने उसे कई जगह तलाशा लेकिन जब कोई सुराग नहीं मिला तो 19 जुलाई को परिजनों ने कैंट थाने में रोहित की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस के साथ-साथ परिजन भी लगातार रोहित को तलाश कर रहे थे।

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इसी बीच 25 जुलाई की रात रोहित के बड़े भाई रमेश के पास एक व्यक्ति का फोन आता है कि अखबार में जिस व्यक्ति की फोटो है उसे कुछ लोग ने जेल के पास 21 जुलाई को जमीन में गाड़ते हुए दिखे थे। इस सूचना के बाद रमेश अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचते है और कैंट थाना पुलिस को भी जानकारी देते हैं।

गुमशुदा रोहित यादव के बड़े भाई रमेश यादव बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे। रोहित के भाई रमेश में कैंट थाना पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद टीआई सहित पुलिस का अमला पहुंचा। परिजनों की मांग थी कि जमीन को रात में ही खोदा जाए और यह पता किया जाए कि किसे दफन किया है लेकिन पुलिस का कहना था कि एसडीएम की अनुमति और उनकी उपस्थिति के बगैर जमीन में दफन बॉडी को नहीं निकाला जा सकता।

पुलिस की इस बात से रोहित के परिजन और बजरंग दल के कार्यकर्ता नाराज हो गए और स्वयं ही जमीन खोदकर दफन लाश निकालने की बात कहने लगे। कैंट थाना पुलिस ने एसडीएम पंकज श्रीवास्तव को सूचना दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम भी रात को मौके पर पहुंच गए।

पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा बजरंग दल कार्यकर्ताओं के सामने जब जमीन को खोदा गया तो एक सफेद बोरी में जो लाश निकली वह इंसान की नही बल्कि डॉग की थी। मामले में एसडीएम पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि यहां पर डॉग की बॉडी मिली है। अभी रोहित की तलाश जारी है।

Jabalpur News : बजरंग दल कार्यकर्ता का भाई गायब, गड्ढे में नहीं मिला शव, तलाश जारी

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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