MP में बिजली कर्मचारियों के साथ इंजीनियर गए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, एस्मा का भी नहीं हुआ असर

Amit Sengar
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MP News : मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के प्रमुख संगठन अभियन्ता संघ, यूनाइटेड फोरम, पावर इंजीनियर एसोसिएशन के आव्हान पर आज शुक्रवार 6 अक्टूबर से कार्य बहिष्कार अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी है। हड़ताल पर 70 हजार कर्मी, 56 हजार पेंशनर शामिल हुए है। 8 सूत्रीय मांगों को लेकर आज से सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू हो गया है।

यह है मांग

निजीकरण को रोकने, पेंशन सुरक्षा एवं 2005 से नियुक्त कर्मियों को पुरानी पेंशन,संविदा कर्मियों का नियमितीकरण,आउट सोर्स कर्मियों की वेतन वृद्धि एवं 20 लाख तक का दुर्घटना बीमा, 2018 के बाद कनिष्ठ अभियंता, प्रोग्रामर एवं अन्य कर्मियों की वेतन विसंगति, उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंता को सहायक अभियंता की नीति, अनुकम्पा नियुक्ति में शासन अनुसार सुधार को लेकर पहले भी 28 जून को प्रदेश भर में कर्मचारी भी कार्य बहिष्कार किया गया था। एवं 7 जुलाई को प्रमुख सचिव ऊर्जा द्वारा कुछ मांगों पर लिखित में सहमति भी दी थी, परंतु आज तक किसी भी मांग को पूरा न कर सरकार ने कर्मियों के साथ विश्वासघात किया है।

आल इंडिया अभियन्ता संघ एवं देश के अलग अलग प्रदेशों के प्रमुख संघठनों द्वारा मुख्यमंत्री से लिखित में भी आग्रह किया की मध्यप्रदेश के कर्मियों की मांगों को पूर्ण करें अन्यथा पूरे देश के कर्मी मध्य प्रदेश के कर्मियों के साथ खड़े है एवं विषम परिस्थितियों में वह मध्य प्रदेश की विद्युत व्यवस्था में सहयोग नही करेंगे, परंतु सरकार द्वारा पूरे देश के कर्मियों के आग्रह को भी नजर अंदाज कर दिया गया, जिसके फलस्वरूप प्रदेश के 70हजार कर्मी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार पर जा रहे हैं। कार्य बहिष्कार के दौरान कोई भी कर्मी कार्यालय नही जाएगा, फ्यूज ऑफ कॉल एवं मेन्टेनेन्स कार्य अटेंड नही करेंगे, अपने मोबाइल बन्द रखेंगे, विभाग के सभी संघठनों द्वारा आम जनता से अभी अपील की है कि धैर्य रखकर विधुत कर्मियों का इस कार्य बहिष्कार में सहयोग करें।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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