Jabalpur News : फीस बढ़ोतरी वापस कराने की मांग को लेकर अभिभावकों ने घेरा सेंट ग्रेबियल-जोसेफ स्कूल, प्रशासन ने जांच के दिए आदेश

सोमवार को जिला अभिभावक संघ के बैनर तले सैकड़ो अभिभावकों ने वेस्टलैंड से एक रैली निकाली और फिर सेंट ग्रेबियल एवं सेंट जोसेफ स्कूल का घेराव किया। प्रदर्शन को देखते हुए रांझी एसडीएम ने जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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Jabalpur News : जबलपुर में स्कूल फीस वृद्धि और यूनिफॉर्म सहित एनसीईआरटी की बुक लागू करने को लेकर रांझी तहसील के सेंट जोसेफ और सेंट ग्रेबियल स्कूल का सैकड़ो अभिभावकों ने घेराव किया और जमकर नारेबाजी की, इस दौरान कुछ अभिभावक अपने हाथों में लोहे की चेन और ताला लेकर पहुंचे और स्कूल में तालाबंदी करने की कोशिश की, पर मौके पर मौजूद पुलिस ने अभिभावकों को समझाया और उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया इसके बाद अभिभावक शांत हुए। जिला अभिभावक संघ के बैनर तले सैकड़ो अभिभावकों ने सेंट ग्रेब्रियल और सेंट जोसेफ स्कूल का घेराव किया।

क्या है पूरा मामला

अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन है बिना सूचना दिए ही फीस वृद्धि कर दी इसके अलावा एनसीईआरटी की बुक भी स्कूल प्रबंधन लगाने की वजह निजी पब्लिशर की बुक लग रहा है जिसकी कीमत 500 से 700 रुपए तक है। अभिभावकों की मांग है कि तुरंत ही स्कूल फीस वृद्धि को कम किया जाए इसके अलावा एनसीईआरटी की बुक से बच्चों को पढ़ाया जाए। दर्शल हाल ही में जबलपुर के 11 स्कूलों पर फीस वृद्धि को लेकर जिस तरह से जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजा है इसके बाद अभिभावकों ने कलेक्टर को और भी कई स्कूलों के नाम बताए हैं कलेक्टर के निर्देश पर इन स्कूलों के खिलाफ भी जांच की जा रही है, वहीं सोमवार को जिला अभिभावक संघ के बैनर तले सैकड़ो अभिभावकों ने वेस्टलैंड से एक रैली निकाली और फिर सेंट ग्रेबियल एवं सेंट जोसेफ स्कूल का घेराव किया।

इधर, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि हमने नियमानुसार 8% फीस वृद्धि की है। इसके अलावा एनसीईआरटी की बुक भी छठवीं से 12वीं तक में चलाई जा रही है साथ ही बीते 60 सालों से स्कूल की यूनिफार्म नहीं बदली गई है। बहरहाल प्रदर्शन को देखते हुए रांझी एसडीएम ने जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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