जबलपुर। पनागर स्थित एक आदिवासी युवक को सरेआम दबंगों ने इतनी बर्बरता से पीटा की वह मरणासन्न स्थिति में पहुंच गया। घटना के बाद युवक को न तो पनागर के अस्पताल में ईलाज मिला और न ही मेडिकल में। जैसे तैसे परिजनों ने युवक को निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया है जहाँ उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। इधर इस घटना में पनागर थाना पुलिस की कार्यवाही संदेह के घेरे में है क्योंकि पुलिस ने साधारण मारपीट और एससी एसटी एक्ट लगाकर खानापूर्ति कर ली है। जबकि घायल युवक आकाश वेंटिलेटर पर है। जानकारी के मुताबिक 27 दिसंबर को आकाश यादव जो कि परियट स्थित डेयरी में काम करता है अपने काम से लौट रहा था उसी समय रास्ते में उसे रोक कर सोनू यादव, गुड्डू यादव, अमर यादव, राहुल बर्मन, शुभम आदि लोगों ने उससे विवाद करना शुरू कर दिया।
बताया जाता है की उक्त आरोपियों ने लोहे के पाइप और राडो से सरेआम आकाश के ऊपर हमला किया व बेरहमी से मारा जिससे आकाश अर्ध बेहोशी की हालत में सड़क पर गिर गया था । इसके बाद भी आरोपियों ने बर्बरता जारी रखी और उसे उसे मारते मारते बेदम कर दिया, सड़क पर तड़पते देख लोगों की भीड़ लग गई एवं उसी भीड़ से ही किसी ने 100 नंबर पर शिकायत की लेकिन पुलिस को भी चंद मिनट की दूरी तय कर पहुंचने में लगभग20 से 25 मिनिट लगे। मरणासन्न स्थिति में आकाश को पहले थाने ले गए एवं थाने में औपचारिकता करने के बाद 15 मिनिट बाद पनागर अस्पताल भेजा गया, जहां से अस्पताल वालों ने गंभीर हालत देखकर मेडिकल रेफर कर दिया, मेडिकल में भी दुर्भाग्य ने साथ नहीं छोड़ा वहां पर आईसीयू मैं बेड खाली नहीं था, लिहाजा परिजन वहाँ से आकाश को निजी अस्पताल ले आए जहां पर 7 दिन बेहोश हालात में रहा ।
फेफड़ा फटा, हाथ पैर में गंभीर चोट
अस्पताल में 1लाख 60 हजार रुपये लगने के बाद परिजनों की गरीब परिस्थिति के चलते वे उसे पुनः मेडिकल ले गए जहां पर घायल आकाश जीवन और मौत से जूझ रहा है उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। पीड़ित के पिता ने बताया की आरोपी संपन्न व राजनीतिक रसूख वाले है जिसके कारण पुलिस उन पर हाथ डालने से बच रही है आरोपियों की संख्या जितनी बताई है उनमें से कुछ को पुलिस ने थाने से ही छोड़ दिया यह पहला मौका नहीं है जब पनागर पुलिस पर उंगली उठी हो दुर्भाग्य है की पुलिस को घायल के साथ मेडिकल जाना था परंतु घायल के पिता ने बताया कि कोई भी पुलिसकर्मी मेडिकल नहीं पहुंचा।