जानिए, क्यों तोड़ा जा रहा है ब्रिटिश काल में बने इस पुराने पुल को…

Khargone News : रेलवे ने मोरटक्का (खेडीघाट) मे नर्मदा नदी पर बने ऐतिहासिक रेलवे पुल के लोहे स्ट्रक्चर तोडने का काम शुरू हो गया है। यह पुल महू-ओंकारेश्वर रोड छोटी लाइन पर बना है। और इस लाइन का सबसे लंबा पुल है। अब यहां इंदौर-महू-सानवद-खंडवा ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट के तहत नया ब्रिज बनाया जाएगा। माना जा रहा है। कि नया ब्रिज बनने मे लगभग 2 साल लगेंगे। करीब 9 महीने पहले से नए ब्रिज के लिए निर्माण प्रकिया प्रारंभ हो गयी थी। लेकिन काम मुहूर्त अब आ चुका है। ब्रिज की लंबाई 700 मीटर से ज्यादा बताई जा रही है। 1875 मे खंडवा से चोरल के बीच छोटी लाइन बिछाई गयी थी। ब्रिज का आधा हिस्सा खंडवा और आधा हिस्सा खरगोन जिले की सीमा पर है। 1 फरवरी से पश्चिम रेलवे ने ओंकारेश्वर रोड स्टेशन का रेल रूट बंद कर दिया। था। तभी से लोग नए ब्रिज का काम शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। नए ब्रिज की लागत लगभग 86 करोड रूपए आंकी गई है। और यह 13 पिलर पर टिका होगा। महू-सनावद छोटी लाइन को बडी लाइन मे बदलने का काम सबसे पहले सनावद से बलवाडा के बीच होना है, क्योकि इस हिस्से मे रेल लाइन के अलाइनमेंट मे कोई बदलाव नही है। बलवाडा से महू के बीच डायवर्टेड रूट से बडी लाइन बिछाई जाएगी। जिसमें कई सुरंगे भी बनेगी। यह काम सबसे आखिर मे होगा।

पटरियां और जालिया निकालना शुरू

पहले चरण मे ठेकेदार कंपनी ने गैस कटर से मदद से ब्रिज की पटरियां और आसपास लगी जालियां निकालने का काम प्रारंभ कर दिया है। पहले इस पुल के स्ट्रक्चर को तोडा जाएगा। फिर पिलर को तोडा जाएगा। उसके बाद नए ब्रिज के लिए फाउंडेशन और नए पिलर बनाने का काम प्रारंभ होगा। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी भी नर्मदा पर सिक्स लेन पुल बना रही है और रोड पुल बनानें वाली कंपनी को ही रेल पुल बनाने का भी ठेका मिला है।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”