Mandsaur News : डोडाचूरा तस्करों को 10-10 वर्ष की सजा व 1 लाख का जुर्माना, पढ़े पूरी खबर

Amit Sengar
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Mandsaur Dodachura Smuggler News : मंदसौर में न्यायालय ने डोडाचूरा तस्करी के मामले में दोषी पाए जाने पर तीन आरोपियों को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये के जुर्माने से दंडित भी किया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश प्रतिष्ठा अवस्थी ने सुनाया है।

यह है मामला

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा बताया कि दिनांक 15 मार्च 2021 को थाना दलौदा पर पदस्थ सउनि नरेन्द्र मकवाना को मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि रिछालालमुहा तरफ से लालाखेडा होते हुए दलौदा तरफ एक नीले रंग का बिना नम्बर का ट्रेक्टर मय ट्रॉली आने वाला है जिसका चालक रणजीत पाटीदार उक्त ट्रेक्टर ट्राली में अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा लोड कर दलौदा हाईवे पर किसी तस्कर को देने वाला है एवं यदि तत्काल मौके पर पहुंचकर कार्यवाही की जावे तो सफलता मिल सकती है नही तो वह निकल सकता है।

उक्त सूचना पर विश्वास कर रवाना होकर भावगढ रोड लालाखेडा फंटा पहुंचा एवं नाकेबंदी की थोड़ी देर बाद लालाखेडा तरफ से एक दो बत्ती वाहन आता दिखा जिसे हमराह फोर्स की मदद से रोककर देखा जो कि मुखबिर द्वारा बताये हुए उक्त ट्रेक्टर चालक को नीचे उतारकर उसका नाम पूछने पर उसने अपना नाम रणजीत पाटीदार बताया उक्त व्यक्ति को मुखबिर सूचना से अवगत कराकर उक्त ट्रेक्टर की तलाशी ली गई तो ट्रॉली में सफेद रंग के पाल के नीचे काले रंग के करीब 20 प्लास्टिक के कटटे भरे थे जिन्हे खोलकर देखने पर उसमें डोडाचूरा होना पाया गया सभी कटटो में कुल 25-25 किलो कुल 5 क्विंटल डोडाचूरा होना पाया गया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। अनुसंधान में आरोपी सत्यनारायण उर्फ बबलू पिता रामेश्वर चौहान को धारा 29 एनडीपीएस एवं धारा 25 एनडीपीएस एक्ट के तहत आपराधिक दायित्व को सिद्ध पाते हुए संपूर्ण अनुसंधान उपरांत माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया।

गौरतलब है कि पुलिस ने दोनों आरोपियों खिलाफ मादक पदार्थ अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना के बाद चालन एनडीपीएस की विशेष कोर्ट पेश किया था। करीब 1 साल 8 माह चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी पाते हुए दस-दस वर्ष का सश्रम कारावास और एक एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। प्रकरण में अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा किया गया। जिस पर से माननीय विशेष न्यायालय द्वारा आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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