Morena News : मध्य प्रदेश के मुरैना नगर निगम परिषद द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग से वसूली को लेकर किये गये धरना प्रदर्शन के तहत शिकारपुर कटपॉइंट पर लगे सीसीटीवी कैमरों को जेसीबी से तोड़ दिया गया है। इस धरना प्रदर्शन में निगम के महापौर सहित सभी पार्षद शामिल हुए हैं। साथ ही चेतावनी दी है कि निगम की राशि 22 करोड़ 64 लाख 21 हजार 365 रूपये शीघ्र नहीं दी तब हाइवे पर धरना प्रदर्शन, आंदोलन किया जायेगा। इस संबंध में टोल मैनेजर ने बताया कि यह मामला केन्द्र व राज्य सरकार के मध्य का है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्राधिकार का है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि बीते सप्ताह नगर निगम परिषद में एक स्वर से यह प्रस्ताव पारित हुआ कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा नगर निगम को दी जाने वाली राशि प्रदान नहीं की तब धरना प्रदर्शन किया जायेगा। राशि न मिलने पर शिकारपुर व छोंदा टर्निंगपॉइंट पर लगे सीसीटीवी कैमरों को उखाड़कर फेंक दिया गया है। मुरैना से ग्वालियर मार्ग पर छोंदा गांव के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा टोल पॉइंट निर्धारित किया गया है। टोल गतिविधियों को नियंत्रण करने के लिये भवन निर्मित है। निगम प्रशासन इस भवन को अपने आधिपत्य की भूमि में निर्मित होना बता रहा है। इस पर निगम द्वारा भूमि के उपयोग की राशि 22 करोड़ 64 लाख 21 हजार 365 रूपये की मांग निरंतर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से की जा रही है। लम्बे अंतराल से राज्य सरकार के माध्यम से की जा रही मांग का निराकरण न होने पर आज धरना प्रदर्शन किया गया। राशि वसूली के लिये जन प्रतिनिधि उग्र अवस्था में दिखाई दे रहे हैं।
प्रदर्शन के दौरान पार्षदों ने अपने सम्बोधन के दौरान राशि वसूलने को लेकर चेतावनी भी दी है। जिसके तह तहत निगम के नेता प्रतिपक्ष बदन ङ्क्षसह यादव ने कहा कि सम्पूर्ण परिषद द्वारा निगम व जनहित में निर्णय लिया गया है। निगम की सम्पत्ति का उपयोग करने के बाद राशि न देना अनुचित है। प्राधिकरण द्वारा राशि न दिये जाने पर टोल भवन को विनष्ट करने की कार्यवाही की जावे। वहीं पार्षद एवं एमआईसी सदस्य रमेश उपाध्याय ने प्राधिकरण व टोल प्रबंधन पर उच्च स्तर की सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुये कहा कि यह निगम की जमीन पर अतिक्रमण है। विकास कार्यों के लिये यह राशि तत्काल निगम को मिलना चाहिए। राशि न मिलने पर आगामी कदम के रूप में हाइवे पर धरना प्रदर्शन किया जायेगा। इसमें सम्पूर्ण परिषद के साथ निगम प्रशासन, शहरवासीगण एवं कटपॉइंट पर लगे कैमरों के कारण पीड़ित ग्रामीण भी धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे। धरना प्रदर्शन में निगम महापौर श्रीमती शारदा राजेन्द्र सोलंकी, उप नेता प्रतिपक्ष योगेन्द्र मावई, विजय डण्डौतिया, लोकेन्द्र डण्डौतिया, श्रीमती ममता राकेश गर्ग, रागिनी मंजीत सिंह सिकरवार, युवराज डण्डौतिया, बालकिशन इंदौलिया व समस्त पार्षदगण शामिल थे।
महापौर शारदा राजेन्द्र सोलंकी ने बताया कि नगरपालिक निगम नगर निगम का पैसा है 8 माह पूर्व भी धरना प्रदर्शन कर मांग की गई थी उस समय टोल प्रबंधन ने शीघ्र राशि प्रदान करने का आश्वासन दिया था। राशि न मिलने पर परिषद में आक्रोश है। इस राशि से कई वार्डों का समुचित विकास हो जायेगा। टोल प्रबंधन द्वारा जब तक राशि नहीं दी जायेगी तब तक धरना प्रदर्शन चलता रहेगा। शिकारपुर सुआलाल का पुरा की ओर लगाये गये कैमरे निगम की जमीन पर है इसलिये उनको हटाया गया है।
उप नेता प्रतिपक्ष डा. योगेन्द्र मावई ने कहा कि शिकापुर सुआलाल का पुरा मार्ग पर लगाया गया सीसीटीवी कैमरा अनाधिकृत है, ग्रामीण क्षेत्र से आवागमन करने वाले एवं थाना सिविल लाइन में पीड़ित व्यक्तियों के वाहनों से भी टोल प्रबंधन कैमरों के माध्यम से राशि वसूल लेता है इसलिये उनको हटाया गया है। यहां कोई तोडफोड नहीं की गई है। निगम प्रशासन द्वारा सीसीटीवी कैमरा को परिषद की बैठक में पारित प्रस्ताव के दौरान हटाया गया है। टोल प्रबंधन का भवन निगम की भूमि पर निर्मित है, इसलिये राशि निगम को मिलना चाहिए।
सीनियर टोल मैनेजर रविन्द्र सिंह तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि टोल प्रबंधन पर कोई राशि नहीं है यह केन्द्र व राज्य सरकार के मध्य का मामला है। टोल पर प्रबंधन के लिये सर्विस एजेंसी कार्यरत है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्राधिकार का मामला है निगम प्रशासन एवं एनएचएआई के मध्य ही इसका निराकरण होगा। शिकारपुर सुआलाल मार्ग पर लगाये गये सीसीटीवी कैमरा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नियम के तहत स्थापित किये गये हैं, हम सिर्फ टोल के पहरेदार है।
मुरैना से नितेन्द्र शर्मा की रिपोर्ट