MP Tourism : एमपी टूरिज्म के इंदौर शहर में देश का सबसे बड़ा फिश टनल एक्वेरियम बना कर तैयार किया जाने वाला है। इसको लेकर एमआईसी की मंजूरी मिल चुकी हैं। वहीं इसे जल्द बना कर तैयार करने के लिए प्रबंधन द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि इंदौर के जू यानी कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में इसे बना कर तैयार किया जाएगा। यहां अलग-अलग प्रकार के विदेशी बंदर, मछलियां और एनाकोंडा को देखने का मौका पर्यटकों को मिलेगा। अभी इसे बना कर तैयार करने के लिए एजेंसी की तलाश की जा रही है।
जल्द ही एजेंसी के मिलने के बाद फिश टनल एक्वेरियम बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. ये फिश टनल एक्वेरियम पूरी तरह से आधुनिक होगा। इसे सिंगापुर दुबई, जर्मनी, स्विटजरलैंड जेसे एक्वेरियम के तर्ज पर बना कर तैयार किया जाएगा. ये एक्वेरियम करीब 3 हजार वर्गफीट में बनाया जाएगा। इसमें हर तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध रहेगी। इसकी जानकारी कमला प्राणी संग्रहालय के एक अधिकारी द्वारा दी गई है।
MP Tourism के इंदौर में देखने को मिलेंगे विदेशी जानवर और पक्षी
आपको बता दे, मध्यप्रदेश में देश के सबसे बड़े फिश टनल एक्वेरियम को बनने के लिए अभी एजेंसी की तलाश की जा रही है। इसके लिए जू प्रबंधन कई राज्यों से संपर्क करने में जूता हुआ है। दरअसल, अभी तक जू में कई तरह के पक्षी और जानवर मौजूद है। लेकिन इस फिश टनल एक्वेरियम के बनने के बाद यहां विदेशी पक्षी, सांप और जानवरों को देखने का मौका पर्यटकों को मिलेगा। करीब 100 से ज्यादा प्रजातियों के नए जानवर और पक्षी इस टनल में रखे जाएंगे। इस एक्वेरियम के बनने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा। साथ ही पर्यटकों को सुंदर नजारें देखने का मौका मिलेगा।
जानें Fish Tunnel Aquarium खासियत
बनाए जाने वाले टनल में नए तरह के एनाकोंडा देखने को मिलेंगे. खास बात ये है कि येलो, ग्रीन और व्हाइट एनाकोंडा यहां लाए जाएंगे अभी तक जू में क्रीम कलर का एनाकोंडा मौजूद है। इतना ही नहीं इसमें अलग प्रजातियों के बंदर और रंग बिरंगी चिड़ियां भी रखी जाएगी। जू आने वाले पर्यटक पारदर्शी टनल से गुजर कर जा सकेंगे क्योंकि इस टनल को सबसे पहले बनाया जाएगा उसके बाद दूसरे पक्षियों और जानवरों को देखने का मौका मिलेगा। सबसे खास इस टनल में आकर्षण का केंद्र मछलियां होंगी। इंदौर के लोगों के लिए इस टनल को देखने का ये पहला मौका होगा। क्योंकि अब तक विदेशों में या फिर दूसरे राज्यों में ऐसे टनल देखने को मिलते हैं।