MP Tourism : एमपी टूरिज्म का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो भारत के मध्य में स्थित है। यह प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। यह देश ही नहीं दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां विदेशों से भी पर्यटक घूमने के लिए आना पसंद करते हैं। सबसे ज्यादा पर्यटक इन दिनों मध्यप्रदेश घूमने आना पसंद कर रहे हैं। वहीं सबसे ज्यादा पर्यटक खजुराहो जाना पसंद करते हैं। ये जगह सबसे खास मानी जाती है।
खास बात ये है कि एमपी में कामसूत्र की रहस्यमई भूमि खजुराहो अनादिकाल से दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती रही है। यह ऐतिहासिक स्मारकों के अनुकरणीय कामुक समूह के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसे विश्व धरोहर में शामिल किया गया है।
खजुराहों में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक जगहें मौजूद है। यहां आप कई दर्शनीय स्थलों के दर्शन करने के साथ ही साथ यहां के इतिहास के बारे इ भी जान सकते हैं। आज हम आपको खजुराहों दर्शनीय स्थल, मंदिर और घूमने की जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं –
चंदेल वंश के राजाओं ने बनवाए थे खजुराहो के मंदिर
एमपी टूरिज्म का खजुराहो हिंदू और जैन मंदिरों का एक संग्रह है। इन्हें चंदेल वंश के राजाओं ने 950 और 1050 के बीच बनवाया था। इन्होनें 10 वीं से 13 वीं शताब्दी ईस्वी तक मध्य भारत पर शासन किया था। खजुराहों के इन मंदिरों को बनवाने के लिए हजारों साल लग गए थे। चन्द्रवर्मन खजुराहों और चंदेल वंश के संस्थापक रहे हैं। यहां के मंदिरों की वास्तु कला लोगों को आकर्षित करती है।
आपको बता दे, खजुराहो एक छोटे सा गांव है। यह छतरपुर जिले के अंदर आता है। यहां आपको विश्व प्रसिद्ध कामुक मूर्तिकला मंदिरों को देखने और जानने का मौका मिलता है। दरअसल, पहले खजुराहों में 12 वीं शताब्दी तक 85 मंदिर थे लेकिन अब 25 ही बचे हैं, जो 6 वर्ग किलोमीटर में फैले हैं। इनमें से सबसे ज्यादा कंदरिया महादेव मंदिर अपनी जटिल मूर्तियों और कलाओं के लिए फेमस है।
खजुराहो में घूमने की जगह
- लक्ष्मण मंदिर
- चित्रगुप्त मन्दिर
- कंदरिया महादेव मंदिर
- चतुर्भुज मंदिर
- देवी जगदम्बा मंदिर
- कालिंजर दुर्ग
- अजय गढ़ का किला
- पन्ना नेशनल पार्क
- रनेह फॉल्स
MP Tourism के खजुराहों का इतिहास
खजुराहों के मंदिरों को प्राचीन और रहसयमयी माना जाता है। इन मंदिरों का इतिहास 1000 साल पुराना है। पहले चंदेल साम्राज्य की राजधानी खजुराहो हुआ करता था। मंदिर से जुड़ा इतिहास लोगों को आकर्षित करता है। बताया जाता है कि काशी के राजपंडित की बेटी हेमवती बेहद खूबसूरत थी।
एक दिन हेमवती गर्मियों के मौसम में रात के समय कमल-पुष्पों से भरे एक तालाब में नहा रही थी। ऐसे में उनकी खूबसूरती देख भगवान चन्द्र उनकी ओर आकर्षित हो गए। हेमवती की सुंदरता से आकर्षित हुए भगवान चन्द्र ने धरती पर आकर मानव रूप धारण कर लिया।
उसके बाद उन्होंने हेमवती का हरण कर लिया। लेकिन वह ये नहीं जानते थे कि हेमवती एक विधवा थी। उनका एक बच्चा भी था। ऐसे में हेमवती ने चन्द्रदेव पर चरित्र हनन करने और जीवन नष्ट करने का आरोप लगाया।
ऐसे में चन्द्रदेव को उनकी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने हेमवती को वचन दिया की वह एक वीर पुत्र की मां बनेंगी। उसके बाद उन्होंने हेमवती से कहा कि वह अपने पुत्र को खजुराहो ले जाए। ये भी कहा गया कि उसका पुत्र एक महान राजा बनेगा।
महान राजा बनने के बाद वह ऐसे मंदिरों का निर्माण करवाएगा जो झीलों से घिरा होगा। राजा बनने के बाद वहां विशाल यज्ञ करेगा जिससे तुम्हारे सारे पाप धुल जाएंगे। ये सुनकर हेमवती ने अपना घर छोड़ दिया और वह निकल पड़ी। उन्होंने एक छोटे से गांव में बेटे को जन्म दिया।
उन्होंने पुत्र का नाम चन्द्रवर्मन रखा। ऐसे में वह 16 साल की उम्र में ही इतना शक्तिशाली था कि उसने किसी को भी मार सकता था। ऐसे में हेमवती ने चंद्रदेव की आराधना की जिसके बाद चन्द्रवर्मन को पारस पत्थर भेंट किया। इसकी मदद से वह वो लोहे को सोने में बदल सकता था।
इसके बाद वह खजुराहो का राजा बना। ऐसे में उसने कई युद्ध लड़े। जिसमें उसे विजय प्राप्त हुई। ऐसे में कालिंजर नाम के विशाल किले का निर्माण उसने करवाया। मां के कहने पर उसने 85 अद्वितीय मंदिरों का निर्माण भी करवाया। इतना ही नहीं एक विशाल यज्ञ का आयोजन भी किया जिसने हेमवती को पाप से मुक्ति दिलाई।