ग्वालियर, अतुल सक्सेना। यूनियन ऑफ़ म्युनिसिपल कार्पोरेशन ग्वालियर के बैनर तले ग्वालियर नगर निगम (municipal corporation gwalior) के सफाई कर्मचारियों और आउट सोर्स (Out source) कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल और आमरण अनशन पर अब नगर निगम का एक्शन शुरू हो गया है। नए प्रभारी आयुक्त आशीष तिवारी की सख्ती का असर ये हुआ है कि आज मंगलवार को ही नगर निगम के दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया और छह आउट सोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।
छह सूत्रीय मांगों को लेकर नगर निगम में कार्यरत स्थाई और आउट सोर्स सफाई कर्मचारी अन्य कर्मचारियों के साथ पिछले कुछ दिनों से हड़ताल पर हैं। निगम प्रशासन को चेतावनी देने के बाद ये लोग 14 अगस्त से आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। सफाईकर्मियों की हड़ताल के कारण शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। जगह जगह खरे के ढेर लगे हैं।
नगर निगम प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सोमवार की रात धरना स्थल पर जाकर कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया था लेकिन कर्मचारियों ने मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल वापस नहीं लेने की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद सोमवार को ही नियुक्त हुए प्रभारी नगर निगम आयुक्त आशीष तिवारी ने आदेश निकालकर सभी हड़ताली कर्मचारियों को आज मंगलवार को काम पर वापस आने के निर्देश दिए थे और निगम अधिकारियों को आदेश दिया था कि जो इस निर्देश का पालन नहीं करे यानी बिना सूचना अनुपस्थित रहे उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए।
नगर निगम आयुक्त के निर्देश के पालन में अपर आयुक्त ने मंगलवार को दो सफाई संरक्षक (कार्यरत चालक) निरंकार और राजू को सौंपे गए दायित्व का निर्वहन नहीं करने एवं शासकीय कार्य में बाधा डाले जाने का दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया और चिड़ियाघर में अटैच कर दिया।
एक अन्य आदेश में अपर आयुक्त ने आउटसोर्स (Out source) के छह कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी और आउटसोर्स कंपनी को वापस कर दी। अपर आयुक्त ने आउटसोर्स कम्चारी उपलब्ध कराने वाली कंपनी राज सिक्योरिटी भोपाल को पत्र लिखकर कहा है कि उनके द्वारा उपलब्ध कराये गए कर्मचारियों (ठेका श्रमिक) द्वारा सेवा शर्तों का उल्लंघन कर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है जिससे नगर निगम की कई व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। वर्तमान में कोरोना की तीसरी लहर संभावित है, बाढ़ और अति वर्षा से शहर के हालात ख़राब हैं, मुहर्रम , राखी जैसे त्यौहार आने वाले हैं ऐसे में हड़ताल पर जाना उचित नहीं है इसलिए छह कर्मचारियों की रवि पारछे, सुधीर डागौर, किरण प्याल, संजय सरैया, पंकज राजपूत और सुधा सोनवाल की सेवाएं आपको वापस की जाती हैं। नए कर्मचारियों (श्रमिकों) की तत्काल व्यवस्था करें।
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....