नीमच, कमलेश सारडा। नीमच जिले से 72 किलोमीटर दूरी पर स्थित एवं मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के विधानसभा क्षेत्र जावद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत जाट के हालात बद से बदतर हो चुके है। पूरे ग्राम में जगह-जगह कीचड व गंदगी के ढेर लगे हुए है। पंचायत सचिव घनश्याम बोहरा एवं कर्मचारी आंखें मूंदकर गहरी कुंभकरणी नींद में सोए हुए है। रही सही कसर ग्राम पंचायत चुनाव में सरपंच पद पर आए एसटी वर्ग के आरक्षण ने पूरी कर दी। चुनाव लडने की पात्रता खत्म होते ही सभी समाजसेवी जागरूक नेता पुनःअपने घरो मे दुबक कर बैठ गए है। बैचारे ग्रामीण कीचड एवं गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं।
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दरअसल, पिछले 8 वर्षों के कार्यकाल के दौरान 5 पंचायत सचिव आने के बाद भी सफाई व्यवस्था नहीं सुधर पाई पूरे ग्राम में चारो तरफ गंदगी का साम्राज्य बना हुआ है। एक तरफ जहां मोदी जी द्वारा पूरे देश में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। लैकिन ग्राम जाट का स्वच्छता अभियान सचिव महोदय की कैवल जैबे भरने एवं कागजो मे ही चल रहा है।
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ग्रामीणों द्वारा कई बार अवगत कराने के बाद भी उनका कोई ध्यान नहीं है। पूरे गांव में नालियो की हालत बद से बदतर हो चुकी है।जगह जगह टूटी नालियों से निकला गंदा पानी सडको पर बह रहा है।वार्ड क्रं.2,4,5,12 एवं 13 के हालात तो इतने अधिक खराब है कि ग्रामीणो का पैदल चलना भी दूर्भर हो रहा है। गंदी नालियों से निकले पानी एवं कीचड़ से फिसल कर रोज कोई न कोई ग्रामीण महिला पुरुष गीर रहा है।जैसे ही नलो द्वारा पैयजल आपूर्ति प्रारंभ होती है पूरे गांव मे नालियों का सडांध मारता गंदा बदबूदार पानी सडकों पर बहने लगता है।
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मजबूरन ग्रामीणो को अपने हाथो से सफाई करनी पड रही हैं।बरसात का मौसम शुरू होने वाला है एसे मे पंचायत कर्मियों की लापरवाही के चलते डेंगू, मलैरिया सहित अन्य गम्भीर मौसमी बिमारियों के फैलने का भी खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों द्वारा कई बार मौखिक एवं लिखित शिकायत करने के पश्चात भी सचिव घनश्याम बोहरा का बस एक ही रटा रटाया जवाब होता है कि बस एक दो दिन में सफाई हो जाएगी।